चीन की यूएन से कश्मीर पर चर्चा की अपील, पाक ने कहा- भारत के साथ बातचीत में मोदी सबसे बड़ा रोड़ा
इस्लामाबाद. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के भारत के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चर्चा होने की संभावना है। यूएनएससी की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने बुधवार को बताया कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद चीन ने इस सत्र को कराने का अनुरोध किया था। चीन परिषद का स्थायी सदस्य है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यूएनएससी की बैठक शुक्रवार को होगी। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच में सबड़े बड़ा रोड़ा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
कुरैशी ने गुरुवार को कहा- मोदी ने चुनाव जीतने के लिए कश्मीर को दांव पर लगा दिया। फरवरी में चुनाव जीतने के लिए मोदी ने तनाव को खूब उबाल दिया है। यूएनएससी में शुक्रवार को कश्मीर मसले पर संबोधन के बारे में कुरैशी ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी कूटनीतिक सफलता है। पांच दशकों के बाद यूएनएससी में कश्मीर मसले पर बातचीत होगी। भारत इससे असहज है और वह कश्मीर मसले पर यूएनएससी की बैठक का विरोध कर रहा है।
उम्मीद है रूस हमारे विचारों का समर्थन करेगा: कुरैशी
कुरैशी ने जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा कि रूस हमारे रुख से अवगत है। रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मैंने कश्मीर पर पाकिस्तान का रुख रखा है। उम्मीद है कि सुरक्षा परिषद में रूस हमारे विचारों का समर्थन करेगा।
‘कश्मीर में मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा’
कुरैशी ने कहा- हमारा काम सुरक्षा परिषद की बैठक में पूरी कुशलता के साथ अपना पक्ष रखना है। उन्होंने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के नेताओं से अपील की है कि वह इस संबंध में अपनी भूमिका निभाए। लाखों लोग ओआईसी की तरफ निहार रहे हैं। मेरा मानवाधिकार संगठनों से भी अनुरोध है कि वह कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों को देखे। हमारी कभी युद्ध की परंपरा नहीं रही है। यदि किसी ने हम पर युद्ध थोपा है तब हमें अपना बचाव करने का अधिकार है।” उन्होंने कहा कि पूरा पाकिस्तान सैन्य बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हुआ है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story