महिला ने 110 साल पुराने पेड़ को बचाने के लिए उसके अंदर बनाई लाइब्रेरी
वॉशिंगटन. अमेरिका में लिटिल फ्री लाइब्रेरी का चलने तेजी से बढ़ता जा रहा है। इनमें लोग मुफ्त में किताब उधार लेने के साथ उसे वापस भी कर सकते हैं। हालांकि, इदाहो में एक 110 साल पुराने पेड़ के अंदर बनी लाइब्रेरी लोगों काध्यान खींच रही है। दरअसल, इसे शुरू करने वाली शराली हॉवर्ड का पहला और मुख्य लक्ष्य पेड़ को कटने से बचाना ही था। इसलिए उन्होंने अपनी डिजायनिंग स्किल्स का इस्तेमाल करते हुए पेड़ को पूरी तरह से बदल दिया।
हॉवर्ड के मुताबिक, कॉटनवुड का पेड़ आमतौर पर 50-60 साल तक हरा-भरा रहता है। हालांकि, उनके घर के पास लगा इस प्रजाति का पेड़दोगुने समय तक जिंदा रहा। कुछ समय पहले यह सूख गया और इसकीटहनियां गिरने लगीं। ये राहगीरों के लिए मुश्किल पैदा कर रही थीं।इसकी वजह से स्थानीय प्रशासन ने इसे काटने का फैसला किया था।
लाइब्रेरी में शीशे का दरवाजा भीलगाया
ऐसे में हॉवर्ड ने पेड़ को बचाने के लिए उसे अंदर से खोखला कर दिया और बीच में जगह बनाकर एक लाइब्रेरी के तौर पर तैयार किया। हॉवर्ड ने इसके अंदर ही नहीं बल्कि बाहर की डिजायनिंग पर भी काफी काम किया। जैसे उन्होंने इसकी छत को ढलान वाला रूप दिया। साथ ही इसमें शीशे का दरवाजा और रंगबिंरंगी लाइटिंग लगाकर पेड़ का रूप पूरी तरह बदल दिया। लाइब्रेरी के बाहर उन्होंने साइनबोर्ड के तौर पर लकड़ी की नक्काशी कर उन्हें किताबों का रूप दिया है।
क्या है लिटिल फ्री लाइब्रेरी स्कीम?
हॉवर्ड कहती हैं कि वह लिटिल फ्री लाइब्रेरी स्कीम से काफी प्रभावित थीं। इसके तहत कोई भी व्यक्ति लाइब्रेरी में अपनी किताबें दान दे सकता है और दूसरे किसी व्यक्ति को इन्हें पढ़ने के लिए पैसे भी नहीं चुकाने पड़ते। दुनियाभर के 100 से भी ज्यादा देशों में करीब 75 हजार ऐसी लाइब्रेरी लोगों के लिए उपलब्ध हैं। फेसबुक पर हॉवर्ड की लिटिल फ्री लाइब्रेरी की फोटो शेयर होने के बाद से इसे अब तक एक लाख से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।
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Source: bhaskar international story