Education

राजस्थान के परिदृश्य में ई-शिक्षा की विशेषताएँ और महत्व

 

राजस्थान के परिदृश्य में ई-शिक्षा की विशेषताएँ और महत्व

कोरोना वायरस का प्रभाव आज समूचे विश्व पर पड़ रहा है। ऐसा कोई देश या कोना नहीं होगा जहां कोरोना वायरस ने मानवीय और आर्थिक रूप से तबाही ना मचाई हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड -19 को एक महामारी के रूप में घोषित किया है। जिसने शैक्षिक गतिविधियों सहित कई गतिविधियों को वैश्विक रूप से बंद करने पर मजबूर कर दिया। इसी का परिणाम है कि देश-दुनिया में अधिकांश गतिविधियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म का स्वरूप प्रदान करना पड़ा। जिनमें शैक्षिक गतिविधियां भी शामिल हैं। कोरोनाकाल में एक बात जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा वह थी बच्चों की पढ़ाई। आखिर कैसे स्कूल संचालित किये बिना बच्चों की पढ़ाई को बिना किसी रूकावट के जारी रखा जाए तब ऑनलाइन यानि ई-शिक्षा का विकल्प सामने आया।

ई-शिक्षा से अभिप्राय है अपने स्थान पर ही इंटरनेट व अन्य संचार उपकरणों की सहायता से शिक्षा प्राप्त करना। ई-शिक्षा के विभिन्न प्रकार हैं जैसे वेब लर्निंग, मोबाइल या कम्प्यूटर लर्निंग, वर्चुअल क्लासरूम इत्यादि। ये कहना गलत नहीं होगा कि कोरोनाकाल में ही भले लेकिन आज ई-शिक्षा ने संपूर्ण शैक्षिक व्यवस्था में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है।

आज के परिदृश्य में ई-लर्निंग का प्रभाव

आज के मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो ऑनलाइन शिक्षा एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत में ई-कक्षा अपने पहले चरण में है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यार्थियों के लिए क्षेत्र, समय की कोई पाबंदी नहीं है वे अपनी सहूलियत के मुताबिक शैक्षिक कार्य कर सकते हैं। यही नहीं ई-शिक्षा विद्यार्थियों में इंटरनेट और कम्प्यूटर कौशल का ज्ञान विकसित करता है जो विद्यार्थियों को अपने जीवन और करियर के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा। इसके जरिए विद्यार्थियों के नए कौशल का विकास भी होगा।

ई-शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास

राज्य में कोरोना की स्थिति को देखते हुए बिना समय व्यर्थ करते हुए राज्य सरकार ने ई-कक्षा पहल  के जरिये पढ़ाई को शुरु किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ाई में मदद करने के लिए डिजिटल लेसन के कार्यक्रम शुरु किये गये जो बेहद सफल भी साबित हुए। ई-शिक्षा से प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को जोड़न के लिए राज्य सरकार ने कई नवाचार भी किये गये है। सरकार ने ई शिक्षा के तहत शिक्षादर्शन, शिक्षावाणी, स्माइल जैसे कई डिजिटल नवाचार किये है जिनके जरिए प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में स्थित स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से ई-सामग्री वितरित की जा रही है।

शिक्षादर्शन

राजस्थान के दूरदराज के क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की पहुंच नही वहां के विद्यार्थियों को ई-कक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसके अंतर्गत टेलीविजन के माध्यम से पाठ्य सामग्री का प्रसारण किया जाने लगा।

शिक्षावाणी

शिक्षादर्शन कार्यक्रम को ही ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षावाणी कार्यक्रम की भी शुरुआत की। जिसमें रेडियो के माध्यम से अध्ययन सामग्री वितरित की जाती।

स्माईल कार्यक्रम

राज्य के समस्त सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ना रुके इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्माइल कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है।

यूट्यूब चैनल

ई-शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने यूट्यूब चैनल की भी शुरुआत की। जिसके जरिए  12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी अपने शिक्षकों से लाइव जुड़ सकेंगे। लाइव क्लास के दौरान बच्चे पाठ्यक्रम से जुड़े सवालों का समाधान भी प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *