इमरान ने कहा- सोवियत के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका ने पाक के मुजाहिदीनों को ट्रेनिंग दी, अब दोषी ठहराना गलत
इस्लामाबाद.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि सोवियत के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका ने खुद पाकिस्तान के मुजाहिदीनों को जिहाद के नाम पर ट्रेनिंग दी थी। अब लंबी लड़ाई के बाद उन्हें वहां सफलता नहीं मिली तो हमें दोषी ठहराया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। हमने इस लड़ाई में 70 हजार लोगों को खो दिया।
इमरान खान ने कहा, ”1980 के दशक में हमने मुजाहिदीन लोगों को सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए प्रशिक्षित किया था, जब उन्होंने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसलिए पाकिस्तान ने मुजाहिदीनों को तैयार किया और इसमें अमेरिका के सीआईए ने पूरी मदद की थी। इसके 10 साल बाद जब अमेरिकी अफगानिस्तान में आए।”
”अब पाकिस्तान के कुछ समूहों का मानना है कि अमेरिकी वहां (अफगान में) हैं, इसलिए इस जिहाद को आतंकवाद कहा जा रहा है। यह बड़ा विरोधाभास है। मैंने मानता हूं कि पाकिस्तान को तटस्थ होना चाहिए था, क्योंकि जिहाद में शामिल होकर ये समूह हमारे खिलाफ हो गए।”
”हमने 70 हजार लोगों को खो दिया। हमने 100 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था गंवा दी। आखिर में जब अमेरिकियों को अफगानिस्तान में सफलता नहीं मिली तो इसके लिए हमें दोषी ठहराया गया। मुझे लगा कि यह पाकिस्तान के साथ ठीक नहीं हुआ।”
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Source: bhaskar international story