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असांजे की गिरफ्तारी के बाद सरकारी संस्थाओं पर 4 करोड़ साइबर अटैक हुए: सरकार



क्वितो.विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (47) की गिरफ्तारी के बाद दुनियाभर से इक्वाडोर की सरकारी संस्थाओं की वेबसाइट पर 4 करोड़ साइबर अटैक हुए। यह जानकारी सोमवार को इक्वाडोर के सूचना और संचार विभाग के उप मंत्री पैट्रिको रियल ने दी। ब्रिटिश पुलिस ने गुरुवार को असांजे को गिरफ्तार किया। उन्होंने 2012 से इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले रखी थी।

पैट्रिक का दावा है कि ज्यादातर साइबर हमले दक्षिण अमेरिकी देशों के अलावा अमेरिका, ब्राजील, हॉलैंड, जर्मनी, रोमानिया, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और ब्रिटेन से हुए। इस दौरान विदेश मंत्रालय, सेंट्रल बैंक, राष्ट्रपति के ऑफिस, राजस्व सेवाएं, कई मंत्रालय और विश्वविद्यालयों की साइट को निशाना बनाया गया।

विकीलीक्स ने सीआईए को जिम्मेदार ठहराया
इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों के लगातार उल्लंघन के चलते हमने असांजे को शरण देने से इनकार कर दिया। इक्वाडोर के इस फैसले के बाद 2012 में जारी वारंट के तहत असांजे को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, विकीलीक्स ने कहा कि इक्वाडोर ने असांजे की राजनीतिक शरण को अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करार देकर गैरकानूनी कदम उठाया है। विकीलीक्स ने अमेरिकी जांच एजेंसी सीआईए को भी इस कदम के पीछे जिम्मेदार ठहराया था।

राष्ट्रपति से जुड़ी जानकारियां लीक करने का आरोप
इक्वाडोर के साथ असांजे के संंबंध तब तल्ख हो गए, जब उन पर राष्ट्रपति मोरेनो से जुड़ी निजी जानकारियां लीक करने का आरोप लगा। मोरेनो ने भी असांजे पर शरण देने के समझौते की शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने ब्रिटेन से अपील की कि असांजे को किसी ऐसे देश में प्रत्यर्पित ना किया जाए जहां उन्हें शारीरिक प्रताड़ना या मौत की सजा दी जाए।

असांजे पर लगे थे रेप के आरोप
2010 में स्वीडन की पुलिस ने रेप और यौन शोषण के दो मामलों में जूलियन असांजे से पूछताछ की। इसके बाद असांजे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया ताकि रेप और शोषण के आरोपों पर उनसे पूछताछ की जा सके। हालांकि, 2012 में असांजे के इक्वाडोर दूतावास में शरण लेने के बाद उन पर से रेप के आरोप हटा लिए गए थे। लेकिन, इसके बावजूद असांजे ने दूतावास से बाहर निकलने से मना कर दिया था, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि विकीलीक्स में किए गए काम के चलते उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।

युद्ध से जुड़े दस्तावेज किए थे सार्वजनिक
मार्च 2018 से असांजे का इंटरनेट कनेक्शन भी काट दिया गया था। इसका कारण असांजे के द्वारा किया गया वादा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बाकी देशों से रिश्तों को लेकर कोई मैसेज नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। असांजे ने विकीलीक्स की वेबसाइट पर इराक युद्ध से जुड़े चार लाख दस्तावेज सार्वजनिक किए थे। इसके जरिए उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड और नाटों की सेनाओं पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया था। असांजे पर यह भी आरोप है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूसी खुफिया एजेंसियाें ने हिलेरी क्लिंटन के कैम्पेन से जुड़े ईमेल हैक कर उन्हें विकीलीक्स को दे दिया था।

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जूलियन असांजे। -फाइल

Source: bhaskar international story

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