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कनाडा-ब्रिटेन में अजीब स्टडी- कोर्ट में नकाब पहनी महिला ज्यादा भरोसेमंद गवाह



टोरंटो. ब्रिटेन और कनाडा की दो यूनिवर्सिटियोंने अजीब तरह की स्टडी की है। इसमें कहा गया है कि उत्पीड़न की शिकार महिला अगर नकाब या हिजाब पहनकर कोर्ट में गवाही देती है तो उसकी विश्वसनीयता चेहरे को खुला रखकर आपबीती बताने वाली महिला से ज्यादा होती है।

यह स्टडी ब्रिटेन की लैंकेस्टर और कनाडा की न्यूफाउंडलैंड यूनिवर्सिटी ने की है। इसमें कहा गया है कि धार्मिक परिधान पहनने वाली महिला को लेकर सकारात्मक भाव दिखाई दिए। लोगों का मानना था कि धार्मिक परिधान पहनने वाली महिला में ईमानदारी दूसरों की अपेक्षा ज्यादा झलकती है।

एक अभिनेत्री को अलग-अलग हिजाब पहनाकर बनाए चार वीडियो
लैंकेस्टर और न्यूफाउंडलैंड यूनिवसिर्टी ने अध्ययन के दौरान एक अभिनेत्री को अलग-अलग परिधान पहनाकर चार वीडियो बनाए। 120 लोगों को इन्हें दिखाकर रायशुमारी की गई। दो वीडियो में महिला ने या तो हिजाब पहना था या फिर नकाब। तीसरे वीडियो में महिला ने बालाकलावा (टोपी जैसा एक और तरह का हिजाब) पहना था, जबकि चौथे में उसका चेहरा और बाल खुले थे।

वीडियो को अलग-अलग अदालतों में दिखाया गया
अध्ययन के दौरान अलग-अलग हिजाब में महिला को कोर्ट के विटनेस बॉक्स में खड़ा करके उत्पीड़न के मामले में गवाही देने को कहा गया। फिर इन वीडियो को अलग-अलग अदालतों में दिखाया गया। न्यायिक अफसरों ने सबसे ज्यादा विश्वसनीय उस गवाही को माना, जिसने नकाब पहनकर बयान दिया था। हिजाब की विश्वसनीयता उससे कम थी तो बालाकलावा की उससे भी कम। स्टडी में दावा किया गया है कि खुला चेहरे और खुले बाल वाली महिला की गवाही को सबसे कम विश्वसनीय माना गया।

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लैंकेस्टर और कनाडा की न्यूफाउंडलैंड यूनिवर्सिटी की स्टडी में शामिल महिला।

Source: bhaskar international story

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