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चर्चों-कब्रों पर लगे ईसाई प्रतीक ढांके, प्रशासन का तर्क- ताकि अन्य धर्मों के लोगों को ठेस न लगे



रोम. इटली के एक छोटे से शहर पीव दी सेंटो ने अपने यहां के चर्चों और कब्रों पर लगे ईसाई प्रतीकों को ढांकने का फैसला लिया है। शहर में रह रहे अन्य धर्म के लोगों को ठेस न पहुंचाना इसकी वजह बताया गया है। फैसले की राजनेताओं और कैथोलिक लोगों ने आलोचना की है।

  1. 7 हजार की आबादी वाला पीव दी सेंटो बोलोग्ना शहर के उत्तर में स्थित है। बोलोग्ना एमिलिया-रोमाग्ना क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। इसके आसपास काफी संख्या में मुस्लिम रहते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा तादाद में ईसाई रहते हैं और कैथोलिक चर्च ही सर्वप्रमुख है।

  2. स्थानीय अखबार II गायरनेल के मुताबिक- कुछ लोगों ने कब्रिस्तान जाकर वहां प्रतीकों पर लगी ब्लैक शीट को हटाया। प्रतीकों को ढांकने को लेकर लोग भी आश्चर्यचकित हैं। अफसरों ने बताया- चर्च में प्रतीकों पर ब्लैक शीट रेनोवेशन के चलते लगाई गईं। इसकी एक वजह वर्कर्स का कई धर्मों से जुड़ा होना भी है।

  3. दक्षिणपंथी और कैथोलिक राजनेताओं ने फैसले की आलोचना की है। फोर्जा इतालिया (फॉरवर्ड इटली) संगठन के उपप्रमुख गलीजो बिगनामी कहते हैं- प्रशासन ऐसा फैसला तभी ले सकता है जब उसे अपनी परंपरा और संस्कृति पर गर्व न हो।

  4. फ्रातेली द’इतालिया (ब्रदर्स ऑफ इटली) के नेता और आव्रजन की प्रबल समर्थक जॉर्जिया मेलोनी का कहना है- दूसरों (धर्मों) का सम्मान करने की आड़ में कुछ लोग अपनी ही संस्कृति-परंपरा का अपमान कर रहे हैं। वामपंथी राजनेता उन्मादी विचारधारा से आगे निकल चुके हैं। यह एक तरह का वैचारिक प्रलाप है।

  5. हालांकि यह साफ नहीं हो रहा है कि धार्मिक प्रतीकों को ढंकने का आदेश किसने दिया। बोलोग्ना में वामदलों का दबदबा है। पीव दी सेंटो में सालों से कम्युनिस्टों का बोलबाला है। शहर का एक अन्य नाम ला रोसा (द रेड वन) भी है।

  6. हाल के सालों में इटली की सरकार को भी धार्मिक-सांस्कृतिक मामलों पर आलोचना का सामना करना पड़ा। करीब 10 साल पहले बोलोग्ना में एक बड़ी मस्जिद (सुपरमॉस्क) बनवाने की योजना थी लेकिन लीगा नॉर्ड पार्टी ने विरोध किया। मस्जिद न बने, इसके लिए कुछ लोगों ने जगह को सुअर के मांस से अपवित्र करने की कोशिश की। इसके बावजूद मस्जिद के निर्माण को मंजूरी दे दी गई। बाद में कैथोलिक समूहों के विरोध के चलते बिल्डिंग परमिट को रद्द कर दिया गया।

  7. 2016 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी को सार्वजनिक रूप से आलोचना का सामना करना पड़ा था। उस वक्त ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी इटली के दौरे पर आए थे, जिसके चलते रोम में लगीं कई ऐतिहासिक नग्न प्रतिमाएं ढांक दी गई थीं।

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      प्रतीकात्मक फोटो।


      इटली के पीव दी सेंटो शहर की आबादी महज 7 हजार है।

      Source: bhaskar international story

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