चुनाव ड्यूटी में लगे 270 कर्मचारियों की थकान से हुई बीमारियों से मौत
जकार्ता. इंडोनेशिया में ओवरटाइम काम करने से करीब 270 चुनाव कर्मचारियों की मौत हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव ड्यूटी में लगे इन कर्मचारियों को ऐसी बीमारियां हुईं, जिनका संबंध भारी थकान से है। इंडोनेशिया में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव के लिए दस दिन पहले बैलेट पेपर से वोटिंग हुई थी। तब से चुनाव कर्मचारी हाथों से ही मतगणना कर रहे हैं।
इंडोनेशिया में करीब 19.3 करोड़ वोटर हैं। इनमें से 80 फीसदी ने मतदान किया था। मतगणना में सरकारी और निजी करीब 70 लाख कर्मचारी लगे हैं। चुनाव आयोग के प्रवक्ता एरीफ प्रियो सुसांतो के मुताबिक अब भी करीब 1900 कर्मचारी बीमार हैं।
कर्मचारियों को गर्मी और खराब हालत में दिन-रात काम करना पड़ रहा है। इसकी वजह से उन्हें शारीरिक परेशानियां हो रही हैं। चुनाव कार्यों में लगे अधिकतर कर्मचारी अस्थायी हैं। इनकी नियुक्ति के वक्त सरकारी कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य जांच नहीं की गई थी। इससे यह पता नहीं चल सका था कि ये कठिनाइयों का सामना कर भी पाएंगे या नहीं।
हालांकि, बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमार चुनाव कर्मियों की देखभाल के लिए सर्कुलर जारी किया था। इसके बावजूद स्थिति काबू में नहीं रही। मारे गए कर्मचारियों के परिजन पिछले 5 दिन से मुआवजे की मांग कर रहे थे। चुनाव आयोग ने यह मांग मान ली है।
उधर, विपक्षी नेताओं ने चुनाव कर्मचारियों की हालत पर सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रबोवो सुबिआंतो के समर्थक अहमद मुजानी ने कहा कि आयोग ठीक से चुनाव नहीं करा सका। बता दें कि 22 मई तक वोटों की गिनती पूरी हो जाएगी।
इंडोनेशिया की आबादी 26 करोड़ है। चुनाव का खर्च कम करने के लिए यहां संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग एकसाथ कराई गई। देश में आठ लाख मतदान केंद्र बनाए गए। लोगों का कहना है कि सरकार एकसाथ चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। इसके लिए बड़े पैमाने पर अस्थायी कर्मियों की नियुक्तियां गलत फैसला रहा।
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Source: bhaskar international story