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डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में 7 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी



ब्रायन बैनेट,इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पुनर्निर्वाचन अभियान के केंद्र में एक बार फिर अपनी सहज प्रवृत्तियों को वोटरों के सामने रखने की रणनीति बनाई है। 2020 का अभियान पूरी तरह ट्रम्प का शो ही होगा। उन्होंने, टाइम को बताया, ‘अभियान से जुड़े लोगों और स्टाफ के साथ मेरी कई बार चर्चा हो चुकी है। लेकिन, मैं आमतौर पर अपने काम स्वयं करता हूं। राष्ट्रपति ने स्टाफ को बता दिया है कि जब वे टि्वटर पर नई नीति का ऐलान करें या रैली में आक्रामक रुख अपनाएं तो हर कोई इसे आगे बढ़ाए’।

2016 की तुलना में इस बार ट्रम्प का अभियान अधिक योजनाबद्ध होगा। ट्रम्प की अभियान कमेटी लगभग 7 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है। उनकी टीम किसी अन्य राष्ट्रपति की तुलना में दोबारा चुनाव लड़ने पर पहले ही अधिक खर्च कर चुकी है। ट्रम्प गैलप सर्वे के इतिहास में अकेले राष्ट्रपति हैं जिन्हें कभी भी 50% रेटिंग नहीं मिली है। उनका कहना है, ‘वे इस विरासत को पीछे छोड़ने के लिए तैयार हैं। मेरे समर्थकों का आधार बहुत मजबूत है’।

ट्रम्प के चुनाव अभियान मैनेजर ब्रेड पार्सकेल कहते हैं, आपको लोगों की सोच बदलनी पड़ेगी। उनके मन में भरोसा जगाना पड़ेगा। लेकिन, अंदरूनी हलकों से जुड़े लोग मानते हैं, यह रास्ता मुश्किल भी है। 2016 में ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन किलों- मिशिगन, पेनसिल्वेनिया, विस्कांसिन को फतह किया था। यह सफलता दोहरानी पड़ेगी। उन्होंने, हिलेरी क्लिंटन की खामियों और नाराज वोटरों को मोड़कर विजय हासिल की थी। ट्रम्प की ऑनलाइन प्रचार मुहिम बहुत विस्फोटक और उत्तेजक है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के इतिहासकार जूलियन जेलिजर बताते हैं, ‘ट्रम्प की रणनीति के तहत सभी भाषण और नीतियां भीड़ के इर्दगिर्द केन्द्रित हैं’।

ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुने जाने के एक वर्ष बाद चुनाव अभियान मैनेजर की नियुक्ति कर दी थी। वे अब तक 10 करोड़ डॉलर खर्च कर चुके हैं। जून में एक स्वतंत्र एजेंसी ने पाया कि व्हाइट हाउस के सीनियर सलाहकार कैलीएन कॉनवे मीडिया इंटरव्यू और टि्वटर पर ट्रम्प के प्रतिद्वंद्वियों पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। वैसे सरकारी कर्मचारी राजनीति में इस तरह हिस्सेदारी नहीं कर सकते हैं।

प्रचार के मुख्य मुद्दे और रणनीति

  • विदेशियों की घुसपैठ के खिलाफ सख्त रुख।
  • मेक्सिको सीमा पर दीवार का अधिकतर काम निपटाना।
  • अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार। बेरोजगारी की दर में गिरावट।
  • डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ भड़काऊ प्रचार अभियान।
  • डेमोक्रेट रणनीतिकारों को चिंता है कि करोड़ों डॉलर खर्च कर ट्रम्प अपने विरोधियों पर महीनों प्रहार करेंगे। दूसरी तरफ पार्टी प्रायमरी चुनावों के लंबे अभियान में फंसी रहेगी।
  • सोशल मीडिया पर समर्थकों की ट्रम्प आर्मी बनाई।
  • चीन सहित अन्य देशों के खिलाफ व्यापार में कड़ा रुख।

ट्रम्प की प्रचार मशीन समर्थकों को उत्तेजित करती है, इसके लिए कुछ मुद्दों पर अधिक जोर

ट्रम्प की राजनीतिक मशीन समर्थकों को उत्तेजित करने के लिए डिजाइन की गई है। वह गूगल, फेसबुक जैसे इंटरनेट प्लेटफार्म की ऑटोमैटिक सैटिंग पर जबर्दस्त विज्ञापन अभियान चलाने के लिए एल्गोरिथम का उपयोग करती है। यह साधारण तरीके से काम करता है। ट्रम्प कुछ विवादास्पद या आक्रामक कहते हैं। इंटरनेट पर सर्च बढ़ती है और सोशल मीडिया पर ऑनलाइन विज्ञापन शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ट्रम्प अभियान के ऑनलाइन स्टोर से ट्रम्प हैट, प्रचार सामग्री जैसी चीजें बिकती हैं। वोटरों का डेटा भी तैयार होता है। दोस्तों के कांटेक्ट शेयर करने, ट्रम्प के प्रचार अभियान का आयोजन करने पर रैलियों में अच्छी सीटें, राष्ट्रपति के साथ फोटो खिंचाने, ट्रम्प के दस्तखत के हैट जैसे पुरस्कार दिए जाते हैं।

साढ़े तीन करोड़ वोटरों से संपर्क बनाया
विदेशियों की घुसपैठ और व्यापार युद्ध जैसे मुद्दों पर लोगों को जोड़ना आसान है। मार्च में ग्रेंड रेपिड्स, मिशिगन में एक रैली में ट्रम्प ने मेक्सिको सीमा बंद करने की धमकी दी। ट्रम्प के टि्वटर अकाउंट पर तीन ट्वीट में कहा गया, अगले सप्ताह सीमा का बड़ा हिस्सा सील कर दिया जाएगा। वेब पर यह सब सर्च किया जाने लगा। ट्रम्प की टीम ने घुसपैठ और इमिग्रेशन पर डिजिटल विज्ञापन बुक कर दिए। बाद में राष्ट्रपति पीछे हट गए। लेकिन, अगले 9 सप्ताह तक फेसबुक विज्ञापनों और गूगल सर्च के क्लिक पर पैसा देने के लिए ढाई लाख डॉलर से अधिक खर्च कर दिए गए। ट्रम्प की टीम ने तीन करोड़ 50 लाख वोटरों की सूची बना ली है। (साथ में टेसा बेरेनसन, मेसिमो केलाब्रेसी, एडवर्ड फेलसेंथाल, एबी वेसोलिस)

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ओरलैंडो में 18 जून को चुनाव अभियान शुरू करते डोनाल्ड ट्रम्प।

Source: bhaskar international story

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