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नौ साल की बच्ची दुनिया की पहली साइकिल मेयर, मकसद- ज्यादा से ज्यादा बच्चे साइकिल चलाएं



एम्सटर्डम. नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में 9 साल की बच्ची लॉटा क्रॉक दुनिया की पहली जूनियर साइकिल मेयर हैं। वह भीड़भाड़ के दौरान बीच शहर में साइकिल चलाते हुए पहुंचती है और लोगों को बताती है कि चार ट्राम अलग-अलग दिशाओं में जा रही हैं। यह एक बच्चे के लिए कितना भ्रमित करने वाला है। लॉटा का मकसद है कि रोज ज्यादा से ज्यादा बच्चे साइकिल चलाएं। वह लोगों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित करना चाहती हैं कि बच्चों को साइकिल चलाने के दौरान किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

  1. एम्सटर्डम दुनिया का अनोखा शहर है। यहां 8 लाख 81 हजार साइकिलें हैं जबकि यहां रहने वाले लोगों की संख्या 8 लाख 50 हजार है। यानी लोगों से 30 हजार साइकिलें ज्यादा हैं। शहर की 63% आबादी रोज साइकिल चलाती है।

  2. लॉटा के मुताबिक, “एम्सटर्डम में बच्चों को साइकिल चलाने में तीन मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये हैं- कारें, साइकिल चलाते पर्यटक और स्कूटर। कारें काफी ज्यादा जगह घेरती हैं। पर्यटक अक्सर किनारे रुक जाते हैं, जब आपको इसकी उम्मीद कम होती है। स्कूटर ऐसे चलते हैं कि मानो आप पर चढ़ ही जाएंगे।”

  3. लॉटा पिछले साल जून में स्कूली बच्चों का एक कॉन्टैस्ट जीतने के बाद जूनियर साइकिल मेयर बनी थीं। बच्चों द्वारा ज्यादा से ज्यादा साइकिल चलाने का आइडिया उस वक्त मशहूर हो गया जब एक रेलवे ऑपरेटर स्पूरवैगन ने इसे प्रचारित करने का जिम्मा लिया।

  4. लॉटा के मुताबिक- “मेरे माता-पिता के पास कार नहीं हैं। अगर हमें दूसरे शहर जाना है तो ट्रेन से ही जाना होगा। लेकिन उनके पास बच्चों की साइकिल नहीं हैं लिहाजा मुझे उनकी साइकिल पर पीछे बैठना होता है। यह थोड़ा खतरनाक होता है।” स्पूरवैगन ने बच्चों के लिए शेयरिंग साइकिल यानी दो सीटों-दो पैडल वाली साइकिल सेवा शुरू की।

  5. स्पूरवैगन ने लॉटा को उनके आइडिया के लिए बधाई भी दी है। साथ ही उनके लिए हार्लेम स्थित रेलवे स्टेशन से उनके दादा-दादी के घर जाने के लिए बच्चों की साइकिल देने की व्यवस्था की है। लॉटा कहती हैं, यह काफी नहीं है। मैं केवल खुद के लिए नहीं बल्कि एम्सटर्डम के हर बच्चे के लिए जूनियर साइकिल मेयर हूं। लिहाजा स्पूरवैगन ने एक स्टेशन पर बच्चों की साइकिल रखे जाने के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।

  6. एम्सटर्डम की साइकिल मेयर कैटलीना बोर्मा हैं। उनका संगठन बीवाईसीएस साइकिल मेयर प्रोग्राम चलाता है। कैटलीना ने ही उनका एक सहायक नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद ही लॉटा की नियुक्ति हुई। लॉटा कहती हैं कि एम्सटर्डम में एक लाख 25 हजार बच्चे हैं और मैं उन तक पहुंचने का रास्ता सोच रही हूं। अगर आप चाहते हैं कि बच्चे साइकिल चलाएं तो आपको एक रोल मॉडल की जरूरत होगी।

  7. कैटलीना कहती हैं कि एम्सटर्डम में 200 विभिन्न संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते हैं। कई लोग साइकिल को ट्रांसपोर्ट का सुरक्षित तरीका नहीं मानते। लिहाजा कई बच्चे शुरुआत में बस से स्कूल जाते हैं, 16 साल का होने पर वे स्कूटर चलाने लगते हैं। बड़े होने पर वे कार के मुरीद हो जाते हैं।

  8. जूनियर साइकिल मेयर चुने जाने के बाद से लॉटा काफी व्यस्त रहने लगी हैं। वह काफी इंटरव्यू देती हैं और शहर के साइकिलिंग कॉन्टैस्ट में हिस्सा लेती हैं। लॉटा की योजना एक साइकिल पार्क बनाने की भी है जहां बच्चों को सिखाया जाएगा कि साइकिल कैसे चलाएं। एक ऐप भी लॉन्च किए जाने की योजना है जिसमें पर्यटकों को साइकिलिंग के नियम बताए जाएंगे क्योंकि ज्यादातर को इस बारे में कुछ पता ही नहीं होता।

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      एम्सटर्डम की आबादी 8 लाख 50 हजार है जबकि यहां 8 लाख 81 हजार साइकिलें हैं।

      Source: bhaskar international story

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