पर्यटकों को कम करने की तैयारी, वेनिस समेत 3 प्रमुख शहरों में लगेगा एंट्री टैक्स
रोम. कुछ साल पहले हर देश की ख्वाहिश होती थी कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उनके यहां आएं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से इटली भी हमेशा से पर्यटकों का स्वागत करता रहा है, लेकिन अब सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसमें पर्यटकों को एंट्री टैक्स देना होगा। वेनिस और फ्लोरेंस शहर के मेयर ने 10 यूरो (करीब 800 रुपए) एंट्रेंस टैक्स का प्रस्ताव रखा है।
कई इतालवी लोगों का मानना है कि पर्यटकों पर एंट्रेंस टैक्स लगाकर सरकार पैसा उगाही करना चाहती है। 2 साल पहले लिंगुरिया क्षेत्र में आने वाले छोटे शहर सिनेक तेर ने भी टिकटिंग सिस्टम शुरू किया था। यहां सालाना करीब 15 लाख लोग आते हैं।
पर्यटकों के मामले में इटली दुनिया में पांचवें पायदान पर है। यहां हर साल पांच करोड़ 24 लाख लोग घूमने जाते हैं। ग्लोबल जीडीपी में इटली का हिस्सा 10% है। सस्ते यात्रा टिकटों के चलते विकासशील देशों के लोग भी यहां बड़ी तादाद में पहुंचने लगे हैं।
पर्यटकों को रोकने की सबसे बड़ी वजह बढ़ती गंदगी भी है। एयर ट्रैफिक और क्रूज जहाजों की बढ़ती आवाजाही के चलते पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही शहरों में कचरा, मिट्टी का कटाव, अपराध और प्रदूषण में भी इजाफा हो रहा है। लोगों का कहना है कि एंट्री टैक्स लिए जाने से समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है।
दरअसल लोगों को समस्या पर्यटकों की ज्यादा तादाद से नहीं है, बल्कि उनके दिमागी उथलेपन से है। बीते कुछ साल में स्थानीय लोगों में पर्यटकों को लेकर तिरस्कार बढ़ा है। लोगों का मानना है कि पर्यटकों का शहर की संस्कृति-सुंदरता से कोई लेना-देना नहीं है, वे बस सेल्फी लेने के लिए पूरे इलाके में भटकते रहते हैं। मेजबानों का एक डर यह भी है क्योंकि वे माइकल एंजेलो की वास्तविक मूर्तिकला देखने की बजाय मूर्तियों के प्राइवेट पार्ट देखने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।
उधर, पर्यटकों को भी यह पता है कि उन्हें महज तेजी से खाली होने वाले पर्स के रूप में देखा जाता हैं। इटली में आइसक्रीम बेचने वाला पर्यटकों से 20 यूरो ज्यादा चार्ज करता है। पिछले साल फ्लोरेंस में सार्वजनिक रूप से खाने वालों को 150 से 500 यूरो का जुर्माना लगाया गया था।
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Source: bhaskar international story