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पुरुषों से 20% कम तनख्वाह का विरोध, सड़क पर पिकनिक मनाकर प्रदर्शन कर रही महिलाएं



ज्यूरिख. यूरोेप के सबसे शांत देशों में से एक स्विट्जरलैंड में कम वेतन के विरोध में महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। स्विट्जरलैंड में पुरुषों का औसत वेतन महिलाओं से 20% ज्यादा है। इसी असमानता को लेकर महिलाएं सरकार के विरोध में हैं। खास बात यह है कि उनके प्रदर्शन का तरीका भी दूसरों से अलग है। महिलाएं सड़क से लेकर नावों तक में मार्च कर रही हैं। इसके अलावा वे समूह मेंपिकनिक पार्टी और लंच ब्रेक लेकर भी विरोध का इजहार कर रही हैं।

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स्विट्जरलैंड में महिलाएं करीब 28 साल बाद अपने हक को लेकर सड़कों पर उतरी हैं। इससे पहले 14 जून 1991 में पहली बार असमानता को लेकर करीब 5 लाख महिलाओं ने दफ्तरों और घरों से निकल कर प्रदर्शन किए थे। तीन दशक बाद भी उनकी स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। इसी के चलते महिलाओं ने शुक्रवार शाम को ‘ज्यादा समय, ज्यादा पैसा और ज्यादा सम्मान’ नारे के साथ प्रदर्शन शुरू किया।

महिला अधिकारों में अपने पड़ोसी देशों से पीछे है स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड लिंग समानता और महिला अधिकार जैसे मुद्दों पर अपने पड़ोसी देशों से काफी पीछे है। स्विस महिलाओं को पहली बार चुनाव में 1971 में वोट करने का मौका मिला था, जबकि कई यूरोपीय देशों में यह व्यवस्था दो से चार दशक पहले ही आ गई थी।

वहीं 1985 से पहले बैंक खाते खुलवाने के लिए महिलाओं को अपने पुरुष अभिभावक की अनुमति की जरूरत पड़ती थी। स्विट्जरलैंड में मैटरनिटी लीव का चलन भी 2005 से ही शुरू हुआ औरसबसे कम मातृत्व अवकाश भी इसी देश में मिलता है। दुनिया में पुरुषों से बराबरी के मामले में 149 देशों में स्विट्जरलैंड का नंबर 20वां है। जबकि पड़ोसी देशों में फ्रांस (12) और जर्मनी (14) भी उससे आगे हैं।

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महिलाएं सड़कों पर मार्च के साथ सामूहिक लंच प्रोग्राम भी रख रही हैं।


महिलाओं ने विरोध के प्रतीक के तौर पर बैंगनी रंग चुना।


Switzerland Women Strike Over Wage Gap after nearly 30 years since first protest

Source: bhaskar international story

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