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फ्रेंच एविएशन पोर्टल ने पोस्ट किए दो कागजात, रिलायंस को थोपने या चुनने पर फिर सवाल



पेरिस. फ्रांस के एक एविएशन ब्लॉग ने मंगलवार को दो कागजात की तस्वीरें पोस्ट कीं। इन्हें भारत-फ्रांस के बीच हुई 59 हजार करोड़ की राफेल डील से संबंधित कागजात बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि अनिल अंबानी की कंपनी ‘दैसो रिलायंस एयरोस्पेस’ को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत डील में जोड़ना अनिवार्य था।

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल फाइटर जेट की डील की थी। फ्रेंच पोर्टल ने राफेल बनाने वाली कंपनी दैसो से जुड़ी दो यूनियनों सीएफडीटी और सीजीटी से संबंधित ये कागजात पोर्टल पर पोस्ट किए हैं।

  2. पोर्टल पर पोस्ट किए गएदोनों कागजात11 मई, 2017 की मीटिंग के मिनट्स बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि उस मीटिंग में दैसो एविएशन के लोइक सेगालेन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के साथ जॉइंट वेंटर का जिक्र किया।

  3. फ्रेंच ब्लॉग का दावा है कि उन्होंने दोनों कागजात के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की। इन्हें पाठकों के लिए ऐसे ही छोड़ दिया गया है। पाठक खुद निर्णय लें कि राफेल डील में रिलायंस को फ्रांस पर थोपा गया था या नहीं?

  4. माना जा रहा है कि सीएफडीटी और सीजीटी के मीटिंग मिनट्स फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और फ्रेंच मैग्जीन मीडियापार्ट के उन दावों की पुष्टि करते हैं, जिनमें कहा गया था कि फ्रांस के पास रिलायंस को चुनने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

  5. दैसो ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन कागजात में भारत में ऑफसेट इंवेस्टमेंट का जिक्र किया गया है। इसमें अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को अनिवार्य रूप से साझेदार बनाने के बारे में कोई बात नहीं है। मीटिंग की बातचीत से अलग तस्वीर पेश की जा रही है।

  6. दावा किया जा रहा है कि सीजीटी के कागजात के मुताबिक, ‘‘प्रेजेंटेशन में कहा गया कि मेक इन इंडिया के तहत नागपुर स्थित दैसो रिलायंस एयरोस्पेस हमारे लिए निर्माण कार्य करेगी। लोइक सेगालेन के मुताबिक, भारत के साथ राफेल समझौते के लिए दैसो को अनिवार्य रूप से यह बात स्वीकार करनी होगी।’’

  7. इन मीटिंग मिनट्स में ‘काउंटरपार्टी’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। माना जा रहा है कि फ्रेंच में इस शब्द का मतलब क्षतिपूर्ति या डील खत्म के लिए किया जाता है। हालांकि फ्रेंच शब्द काउंटरपार्टी अंग्रेजी का काउंटरपार्ट है, जिसका अर्थ साझेदार होता है।

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      सीजीटी की मीटिंग में इन मुद्दों पर बात हुई थी। दावा है कि इसमें रिलायंस डिफेंस को अनिवार्य रूप से साझेदार बनाने का जिक्र है।


      सीएफडीटी की मीटिंग में हुई बातचीत भी फ्रेंच पोर्टल पर पोस्ट की गई।


      On Rafale Deal, New Documents Point To Anil Ambani Firm As Essential


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      Source: bhaskar international story

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