यूरोपियन यूनियन ने गूगल पर 11600 करोड़ का जुर्माना लगाया
लंदन. यूरोपियन यूनियन ने प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करने के लिए अमेरिकी कंपनी गूगल पर 149 करोड़ यूरो (करीब 11,600 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। गूगल पर आरोप है वह ऑनलाइन सर्च विज्ञापन में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के विज्ञापन को ब्लॉक करती है।
यूरोपियन यूनियन ने अपने फैसले में कहा कि गूगल ने 2006 से 2016 तक ऑनलाइन मार्केट में अपने दबदबे का गलत फायदा उठाया। इसने थर्ड पार्टी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को ऑनलाइन सर्च में विज्ञापन डिस्प्ले करने से रोका।
यूरोपियन यूनियन ने कहा कि कई वेबसाइटों में गूगल सर्च का फंक्शन मौजूद होता है। कोई यूजर जब इसका इस्तेमाल करता है तो सर्च रिजल्ट के साथ सर्च विज्ञापन भी डिस्प्ले होते हैं। गूगल इन सर्च विज्ञापनों में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के विज्ञापन को ब्लॉक करता है। गूगल ने 2006 में एडसेंस कॉन्ट्रैक्ट में एक्सक्लूसिविटी क्लॉज जोड़ा था। इसके तहत सर्च पेज पर माइक्रोसॉफ्ट और याहू जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के विज्ञापन रोक दिए गए थे। माइक्रोसॉफ्ट ने 2009 में इसकी शिकायत की थी।
दो साल में यूरोपियन यूनियन ने गूगल पर तीसरी बार जुर्माना लगाया है। इससे पहले 2017 में 242 करोड़ यूरो (19 हजार करोड़ रुपए) और 2018 में 434 करोड़ यूरो (34 हजार करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया था। यानी दो साल में यूरोपियन यूनियन गूगल पर कुल लगभग 65 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुका है।
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने 2017 में ऑनलाइन विज्ञापन से 1,266 करोड़ डॉलर (करीब 87 हजार करोड़ रुपए) की कमाई की थी। 2018 में उसने 3,070 करोड़ डॉलर (2.11 लाख करोड़ रुपए) की कमाई की। यानी एक साल में गूगल की ऑनलाइन विज्ञापनों से होने वाली कमाई में करीब 2.5 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
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Source: bhaskar international story