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संसद में मांग- मुस्लिम देश भारत के साथ, इमरान सरकार इस्लामी देशों का हर संगठन छोड़े



इस्लामाबाद. पाकिस्तान की संसद में शुक्रवार को कश्मीर मसले पर बहस हुई। इस दौरान पूर्व कानून मंत्री मियां रजा रब्बानी ने कहा- कश्मीर मुद्दे पर किसी मुस्लिम देश नेहमारा साथ नहीं दिया। पाकिस्तान को मुस्लिम देशों का हर संगठन छोड़ देना चाहिए। क्योंकिवेहमारा नहींबल्कि दुश्मन (भारत) का साथ दे रहे हैं। रब्बानी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के सांसद हैं। उनके नेता बिलावल भुट्टो जरदारी इमरान खान सरकार और फौज पर नाकामी का आरोप लगा रहे हैं। रब्बानी सीनेट में नेता प्रतिपक्ष भी हैं।

ओआईसी छोड़े पाकिस्तान
रब्बानी ने बहस के दौरान कहा, “ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) तो संयुक्त राष्ट्र से भी गया-गुजरा संगठन है। हमें अब हकीकत समझनी होगी। मुस्लिम देशों की ताकत का जो बुलबुला था, वो अब फूट चुका है। पाकिस्तान की बेहतरी इसी में है कि वो बिना वक्त गंवाए ओआईसी छोड़े। ऐसे संगठन में रहने का क्या फायदा जो मुश्किल हालात में हमारा साथ न देकर, दुश्मन की पैरवी करे। सच तो ये है कि ओआईसी ने कभी किसी मुस्लिम देश की मदद नहीं की। बोस्निया और फिलिस्तीन इसके उदाहरण हैं।”

खाड़ी देश सिर्फ भारत के साथ
रब्बानी की बात का कई सांसदों ने समर्थन किया। हालांकि, इनमें ज्यादातर विपक्ष के थे। रब्बानी ने तकरीर आगे बढ़ाते हुए कहा, “सऊदी अरब, यूएई और बहरीन जैसे अमीर देश एकतरफा तौर पर भारत के साथ हैं, क्यों? इसकी वजह भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था है। दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी अरामको ने रिलायंस के साथ 16 बिलियन डॉलर का सबसे बड़ा करार किया। यूएई और बहरीन ने नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया। पाकिस्तान की फिक्र किसी को नहीं है।” पूर्व विदेश मंत्री रहमान मलिक ने रब्बानी का समर्थन किया।

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संसद में इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी। (फाइल)

Source: bhaskar international story

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