एक ही दिन में 11 भारतीयों को नोटिस भेजे गए, मांगी विदेशी बैंक खातों की जानकारी
बर्न.इस साल मार्च से लेकर अब तक स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले 25 भारतीय नागरिकों को नोटिस भेजा है। इसमें खाताधारकों को भारत सरकार के साथ खातों की जानकारी साझा करने के खिलाफ अपील करने के लिए अंतिम मौका दिया गया है।
हाल ही में 21 मई को एक ही दिन में 11 भारतीय नागरिकों को स्विट्जरलैंड की ओर से नोटिस भेजा गया। इससे पहले 7 और14 मई को भी ऐसे नोटिस भेजे गए थे। अब तक जिन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें से कई के नाम पनामा पेपर्स में भी आए थे।
स्विस सरकार ने हाल ही के महीनों में कई देशों के साथ अपने बैंकों में खाता रखने वाले अन्य देशों के नागरिकों की जानकारियां उन देशों की सरकारों के साथ साझा की है।
भारत से संबंधित मामलों में यह वृद्धि पिछले कुछ हफ्तों में आई है।मार्च से अब तक 25 भारतीयों को नोटिस भेजे गए हैं। स्विट्जरलैंड सरकार के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं।
21 मई को जिन 11 भारतीयों को नोटिस भेजे गए, उनमें से दो के पूरे नाम उनकी जन्मतिथि के साथ सार्वजनिक किए गए हैं। ये नाम हैं- कृष्णा भगवान रामचंद, कल्पेश हरशद किनारीवाला। बाकी 9 लोगों के नाम, उनके नामके पहले अक्षर और जन्मतिथि के साथ सार्वजनिक किए गए हैं।
7 मई को रतन सिंह चौधरी को ऐसा ही नोटिस भेजा गया था। इसमें स्विस सरकार से वित्तीय जानकारी भारत से साझा करने के खिलाफ अपील करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। 14 मई को भी एक भारतीय नागरिक को इस तरह का नोटिस भेजा गया था।
अप्रैल में भेजे गएनोटिस में कुलदीप सिंह डिंगरा और अनिल भारद्वाज का नाम सार्वजनिक किया गया था। मार्च में मुंबई की जियोडेसिक लिमिटेड और इसके तीन निदेशकों, चेन्नई की आधी इंटरप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड को ऐसे नोटिस भेजे थे।
जिन भारतीय नागरिकों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें से कई के नाम एचएसबीसी और पनामा पेपर्स में आए थे। इन लोगों से जांचएजेंसियों ने पूछताछ भी की थी।
स्विट्जरलैंड कोटैक्स हैवन कंट्री के रूप में जाना जाता है। कुछ साल पहले तक काले धन के लिए यह देश बेहद सुरक्षित समझा जाता था। हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद उसने घरेलू कानूनों में बदलाव किए। भारत के साथ ऐसी संधि की जिसमें खाता रखने वाले विदेशियों की जानकारी देश के साथ साझा की जा सके।
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Source: bhaskar international story