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दुनियाभर में महिला-पुरुषों के बीच आर्थिक बराबरी में 202 साल लग जाएंगे



जेनेवा. दुनियाभर में कार्यस्थल पर महिलाओं को पुरुषों की बराबरी तक पहुंचने में 202 साल लग जाएंगे। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मंगलवार को जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में यह बात सामने आई। इसके मुताबिक वेतन समेत आर्थिक अवसरों के मामलों में महिलाओं और पुरुषों की स्थिति में भारी अंतर है।

  1. रिपोर्ट के मुताबिक राजनीति, हेल्थ और एजुकेशन में महिला-पुरुष असमानता की स्थिति में इस साल में सुधार हुआ है। लेकिन, इन क्षेत्रों में समानता का लक्ष्य पाने में 108 साल लग जाएंगे। क्योंकि, एक साल के अंदर स्थिति में 0.1% से भी कम सुधार हुआ है। पिछले साल महिला-पुरुषों की उपलब्धियों और वेलफेयर में फासला बढ़ गया था। दस साल में पहली बार ऐसा हुआ था।

  2. महिला-पुरुष समानता में आइसलैंड 85.8% स्कोर के साथ लगातार 10वें साल पहले नंबर पर रहा है। महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण में भी यह टॉप पर है। हालांकि, यहां जनप्रतिनिधि, सीनियर अफसर और मैनेजर के तौर पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व में गिरावट आई है।

    देशस्कोर
    आइसलैंड85.8%
    नॉर्वे83.5%
    स्वीडन82.2%
    फिनलैंड82.1%
    निकारागुआ80.9%
    रवांडा80.4%
    न्यूजीलैंड80.1%
    फिलीपींस79.9%
    आयरलैंड79.6%
    नामिबिया78.9%
  3. महिला-पुरुष समानता के मामले में दुनिया में भारत 66.5% स्कोर के साथ 108वें नंबर पर है। राजनीतिक सशक्तिकरण में देश में महिला-पुरुषों की स्थिति में करीब 40% फासला है।

  4. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में मैनेजर स्तर के पदों पर सिर्फ 34% महिलाएं हैं। महिला-पुरुषों के वेतन में 63% अंतर है। मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका की परफॉर्मेंस सबसे खराब है।

  5. यूएन वूमेन की रीजनल डायरेक्टर अन्ना-करिन जेटफोर्स का कहना है कि दुनियाभर में ऐसा कोई देश नहीं जिसने पूरी तरह महिला-पुरुष के बीच समानता का लक्ष्य हासिल कर लिया हो। लैंगिक असमानता दुनिया की सच्चाई है। महिलाओं की जिंदगी से जुड़े हर पहलू में यह दिखाई दे रहा है। महिला-पुरुष के बीच आर्थिक समानता हासिल करने के लिए 202 साल का वक्त बहुत ज्यादा है।

  6. एशिया में फिलीपींस की परफॉर्मेंस सबसे अच्छी है। ग्लोबल इंडेक्स में इसका आठवां नंबर है। शिक्षा, राजनीति और वेतन के मामले में यहां महिला-पुरुषों में समानता बाकी एशियाई देशों से ज्यादा है।

  7. एशियाई देशों में दूसरा नंबर लाओस का है। लेकिन, फिलीपींस के काफी नीचे है। ग्लोबल इंडेक्स में लाओस का 26वां, सिंगापुर और67वां और चीन का 103वां नबर है।

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      Gender equality at work more than 200 years off says WEF report

      Source: bhaskar international story

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