हांगकांग में 21 साल की सैलरी में जबकि लंदन में 8.3 साल की सैलरी से ही घर मिल जाता है
हांगकांग. नए प्रत्यर्पण कानून के बाद पिछले पांच महीनों से हांगकांग में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। स्थानीय प्रशासन ने यह कानून वापस लेने की बात कही है, इसके बावजूद लोगों के गुस्से में कमी नहीं आ रही है। इससे वहां की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा। कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर हो रहा है और कई सेक्टर में सुस्ती आ गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां घरों की बहुत ज्यादा कीमत और किराए ने भी इस विरोध प्रदर्शन को लेकर आग में घी का काम किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग में लगातार बढ़ती असमानता के कारण वहां का वंचित तबका लंबे समय से उबल रहा था। इस विरोध प्रदर्शन ने उन्हें सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाने का जरिया दिया है।
हांगकांग दुनिया के सबसे महंगे रियल एस्टेट क्षेत्रों में से एक है। पिछले पांच साल में ही यहां घरों की कीमत 48% बढ़ी है। सेंट्रल हांगकांग से करीब एक घंटे की ड्राइव पर स्थिति लोकेशन पर एक बेडरूम फ्लैट जिस कीमत पर उपलब्ध है उतने में न्यूयॉर्क के पॉश इलाके में दो बेडरूम फ्लैट खरीदा जा सकता है।
डेमोग्राफिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हांगकांग में घर खरीदने के लिए वहां के औसत निवासी अपनी मौजूदा सैलरी के हिसाब से 21 साल की कुल सैलरी जरूरत होती है। यह विश्व में सबसे ज्यादा है। कनाडा का वेंकूवर और ब्रिटेन का लंदन भी घर खरीदने के लिए महंगे माने जाते हैं, लेकिन वहां की दर हांगकांग के सामने कुछ भी नहीं हैं।
वेंकूवर में घर खरीदने के लिए वहां के औसत निवासी को 12.6 साल की सैलरी की जरूरत होती है। लंदन में यह आंकड़ा 8.3 साल ही है। हांगकांग में प्रति व्यक्ति सालाना आय 48 हजार डॉलर (करीब 34 लाख रुपए) है। वहां 2 बीएचके फ्लैट की औसत कीमत 7.15 करोड़ रुपए है।
यही हाल किराए के घरों का भी है। ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेश हांगकांग में घरों का किराया सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क और ज्यूरिख जैसे बेहद महंगे शहरों से भी ज्यादा है। इस वजह से हांगकांग का गरीब तबका ऐसे घरों में रहने को मजबूर है जिसे दुनिया के किसी अन्य हिस्से में पिंजरे के सामान माना जाएगा।
रियल एस्टेट हांगकांग सरकार की कमाई का बड़ा जरिया भी है। 2018 में सरकार की रेवेन्यू का 27% हिस्सा रियल एस्टेट सेक्टर से ही आया था। यह हांगकांग सरकार के लिए फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया है। इस तरह की स्थिति के कारण हांगकांग में जिनके पास ज्यादा प्रोपर्टी है वे वहां की राजनीति में भी दखल रखते हैं।
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Source: bhaskar international story