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अमेरिका ने चीन की कंपनी हुवावे को ब्लैकलिस्ट किया, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताया



वॉशिंगटन. अमेरिका ने दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी हुवावे पर बुधवार को कड़े प्रतिबंध लगा दिए। यूएस के वाणिज्य विभाग ने हुवावे को एनटिटी लिस्ट में डालने की जानकारी दी। इस लिस्ट में शामिल कंपनियां अमेरिकी सरकार की मंजूरी के बिना वहां की कंपनियों से कंपोनेंट (पुर्जे) और तकनीक नहीं खरीद सकती हैं।

  1. अमेरिका के वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नहीं चाहते कि दूसरे देशों की कंपनियां द्वारा अमेरिकी तकनीक के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति में सेंधमारी हो।

  2. अमेरिका के आदेश के मुताबिक वहां की कंपनियां भी उन फर्मों के टेलीकॉम उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो। हालांकि इस आदेश में किसी देश या कंपनी का नाम नहीं है। लेकिन, अमेरिका हुवावे के उपकरणों से जासूसी का खतरा बताता रहा है। उसने अपने सहयोगी देशों से भी कहा था कि वो 5जी सेवाओं में हुवावे के नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करें।

  3. हुवावे ने अपने उपकरणों से सुरक्षा के खतरे के आरोपों से इनकार किया है। कंपनी का कहना है कि वह अमेरिका से बातचीत के जरिए उसकी चिंताएं दूर करने को तैयार है।

  4. हुवावे पर अमेरिकी प्रतिबंध से यूएस और चीन के बीच ट्रेड वॉर और तेज हो सकता है। अमेरिका ने 10 मई को 200 अरब डॉलर के चाइनीज इंपोर्ट पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया। बदले में चीन ने 60 अरब डॉलर के अमेरिकी इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है जो 1 जून से लागू होगा।

  5. अमेरिका के कहने पर पिछले साल हुवावे की सीएफओ मेंग वांगझू की कनाडा में गिरफ्तारी हुई थी। अभी वो जमानत पर हैं। अमेरिका मेंग के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। हुवावे द्वारा ईरान पर लागू अमेरिकी प्रतिबंध तोड़ने के आरोप में मेंग की गिरफ्तारी हुई थी।

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      सिंबॉलिक इमेज।


      US blacklists China Huawei as trade dispute clouds global outlook

      Source: bhaskar international story

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