अस्पताल में भर्ती बच्चों को देते हैं वीडियो गेम, एक साल में 10 लाख से ज्यादा बांटे
मिशिगन. यहां के जाख वीगल (29) लंबे वक्त से अस्पताल में भर्ती बच्चों के रूम में वीडियो गेम लगाते हैं। उनका मकसद यही है कि जो बच्चे अस्पताल में रहने के चलते वीडियो गेम खेलने बाहर नहीं जा सकते, उनके लिए अस्पताल के कमरे में ही वीडियो गेम लगा दिया जाए।
वीगल ने बच्चों की मदद के लिए गो कार्ट फाउंडेशन बनाया है। एक साल में फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती 10 लाख बच्चों को वीडियो गेम मुहैया करा चुका है। वीगल के घर में वर्तमान में 5 हजार वीडियो गेम्स रखे हैं। इनमें से ज्यादातर पोर्टेबल हैं।
वीगल के मुताबिक- हमने देखा कि अस्पतालों में काफी वीडियो गेम प्लेरूम में रखे हुए थे। लेकिन यह उनके लिए था जो वहां तक पहुंच सकते थे। अमूमन बच्चे वहां खेलने नहीं जा पाते थे।
उन्होंने बताया कि हमारे पोर्टेबल वीडियो गेम को आसानी से रूम में लगाया जा सकता है। इससे बच्चों को मजा भी आता है और इलाज के दौरान उन्हें तनाव से मुक्ति मिलती है।
मिशिगन के सीएस मोट चिल्ड्रंस हॉस्पिटल में पेशेंट टेक्नोलॉजिस्ट एंड्रयू गबानयिक्ज का कहना है कि वीडियो गेम खेलने से बच्चों की हेल्थ में काफी सुधार देखा गया। बच्चों का तनाव कम हुआ और हमें दर्दनिवारक कम देने पड़े। डॉक्टरों ने तो कुछ बच्चों को निश्चित समय के दौरान वीडियो गेम खेलने को भी कहा है।
वीगल स्कूल के दिनों से चैरिटी कर रहे हैं। उनका कहना है कि गेमिंग से एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है क्योंकि आप जीतने के लिए खेल रहे होते हैं। वीगल को फोर्ब्स मैगजीन के ’30 अंडर 30′ के लिए भी नामित हो चुके हैं।
2009 से वीगल मोट चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के साथ काम कर रहे हैं। उनकी टीम गो-कार्ट पोर्टेबल वीडियो गेम्स डिजाइन करती है। वह कहते हैं कि मैं उन बच्चों के लिए काम करता हूं जो फुटबॉल खेलने नहीं जा सकते। लेकिन मैं बच्चों को किसी भी तरह से यह महसूस कराना चाहता हूं कि वे किसी से भी कमतर नहीं है।
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Source: bhaskar international story