इंसान को दोबारा जीवन की उम्मीद देने वाले वैज्ञानिक का दिमाग फ्रीज, ताकि फिर से इस्तेमाल हो सके
मॉस्को. इंसान को दोबारा जीवन की उम्मीद देने वालेरूसी वैज्ञानिक डॉ. यूरी पिचुगिन (67) का दिमाग फ्रीज कर दिया गया है। डॉ. यूरी का दिमागउन्हीं की ईजाद की हुई तकनीक के जरिए माइनस 196 डिग्री सेल्सिय तापमान पर फ्रीज कर दिया गया, ताकि भविष्य में दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। डॉ. यूरी ने फ्रैंकेस्टाइन तकनीक की खोज की थी। इसके जरिए मृत लोगों के दिमाग को खास रसायन में रखकर फ्रीज किया जाता है। इसे क्रायो-प्रिजर्वेशन कहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है किभविष्य में ऐसे दिमाग दोबारा इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं।
बेटे ने दी क्रायो-प्रिजर्वेशन की इजाजत
रूस की क्रायोरस कंपनी ने डॉ. यूरी के दिमाग का क्रायो-प्रिजर्वेशन किया। यह मॉस्को के वेयरहाउस में संरक्षित रखा गया है। क्रायोरस की प्रवक्ता वेलेरिया उदालोवा ने बताया कि यूरी की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। पड़ोसियों को उनका शव घर से बाहर मिला, उस वक्त तापमान माइनस 7 डिग्री था। डॉ. यूरी के दिमाग का क्रायो-प्रिजर्वेशन इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने 2012 में कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। कनाडा में रहने वाले उनके बेटे को इस बात की जानकारी है और उन्होंने ही ऐसा करने की इजाजत दी।
मैं कभी भी अपना क्रायो-प्रिजर्वेशन नहीं कराऊंगा। ऐसा इसलिए नहीं कि मुझे इसकी कामयाबी पर भरोसा नहीं है, बल्कि मानवता के इस रूप से मुझे दुख होता है।
अमेरिका-रूस में होता है डॉ. यूरी की तकनीक का इस्तेमाल
अमेरिका और रूस में डॉ. यूरी की इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भविष्य में विज्ञान के आगे बढ़ने पर इस तरह के दिमाग का दोबारा इस्तेमाल किए जाने का मौका मिलता है। इस प्रक्रिया के लिए कई कंपनियां 13 लाख रुपए तक लेती हैं। हालांकि, यूरी खुद यह नहीं चाहते थे कि उनका दिमाग फ्रीज किया जाए। इसके पीछे उन्हें इस तकनीक की विफलता की आशंका नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसके पीछे नैतिकता का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि मानवता का यह रूप उन्हें दुख पहुंचाता है।
वैज्ञानिकों का दावा- दशकों बाद हो सकता है दिमाग का दोबारा इस्तेमाल
डॉ. यूरी की तकनीक के आधार पर वैज्ञानिक दावा करते हैं कि अत्यधिक ठंडे तापमान में रखे गए दिमाग का इस्तेमाल कुछ दशकों या शताब्दियों बाद किया जा सकता है। भविष्य में विज्ञान की तरक्की के बाद इस दिमाग का इस्तेमाल किसी अन्य शरीर में भी किया जा सकता है। जिस वेयर हाउस में डॉ. यूरी का दिमाग रखा गया है, वहां 66 अन्य लोगों के दिमाग क्रायो-प्रिजर्वेशन तकनीक से रखे गए हैं। इनके अलावा 32 पालतू पशुओं के दिमाग को भी प्रिजर्व किया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story