ईरान ने होरमुज की खाड़ी से ब्रिटेन का तेल टैंकर जब्त किया, शिप में फंसे क्रू में भारतीय भी शामिल
लंदन. ईरान ने शनिवार को होरमुज की खाड़ी से ब्रिटेन का एक तेल टैंकर जब्त कर लिया। इस घटना के बाद पश्चिमी देशों और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। जिस कंपनी का टैंकर जब्त हुआ, उसने बयान जारी कर कहा कि ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने यूके के झंडे वाले ‘स्टेना इमपेरो’ को अंतरराष्ट्रीय सीमा में ही हेलिकॉप्टर्स और चार शिप्स की मदद से घेरा और फिर अपने कब्जे में ले लिया। टैंकर में कुल 23 क्रू मेंबर्स थे। इनमें भारतीय, रूसी, लातवियाऔर फिलीपींस के नागरिक शामिल हैं।
ईरान रेवोल्यूशनरी गार्ड ने अपनी वेबसाइट पर टैंकर जब्त करने की जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि शिप को अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग कानूनन मानने के लिए जब्त किया गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शिप को ईरान के किसी बंदरगाह पर ही रखा जाएगा। हालांकि, ब्रिटिश सरकार और शिपिंग कंपनी का अभी तक इससे संपर्क नहीं हो पाया है।
ईरान की हरकतों के गंभीर परिणाम होंगे: ब्रिटेन
इसी बीच ब्रिटेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ईरान को चेतावनी जारी की है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा कि अगर ईरान जल्द शिप को नहीं छोड़ता तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने मामले को सैन्य तरीके की जगह राजनयिकों के जरिए सुलझाने पर जोर दिया। हंट ने कहा कि ईरान में मौजूद राजदूत लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क में बने हैं।
ब्रिटिश सरकार की आपातकालीन कमेटी कोबरा ने इस घटना पर चर्चा के लिए मीटिंग भी बुलाई। शिपिंग कंपनी के प्रवक्ताओं ने शिप में सवार क्रू के सलामत होने की बात कही है। हालांकि, शिप की पूरी जानकारी अभी तक हासिल नहीं की जा सकी है।
यूके जब्त कर चुका हैईरान का टैंकर
यूके और ईरान के बीच तनाव इसी महीने की शुरुआत में बढ़ा था। ब्रिटिश रॉयल मरीन ने यूरोपीय कानून तोड़ने के लिए ईरान के एक टैंकर ‘ग्रेस’ को जिब्राल्टर से जब्त कर लिया था। बताया गया था कि टैंकर सीरिया से तेल लेकर जा रहा था। इसके बाद ईरान ने भी ब्रिटेन को उसका तेल टैंकर जब्त करने की धमकी दी थी। 10 जुलाई को कुछ ईरानी शिप ने एक टैंकर जब्त करने की कोशिश भी की, लेकिन ब्रिटिश युद्धपोत के साथ होने की वजह से उसे पीछे हटना पड़ा था। ईरान ने बाद में ऐसी किसी भी कोशिश से इनकार किया था।
अमेरिका ने होरमुज की खाड़ी में मार गिराया था ड्रोन
एक दिन पहले ही अमेरिका ने दावा किया था कि होरमुज की खाड़ी में तैनात उसके युद्धपोत ने एक ईरानी ड्रोन को मार गिराया। बताया गया था कि यूएसएस बॉक्सर ने बचाव के लिए यह कार्रवाई तब की जब ड्रोन उससे 1000 यार्ड्स (918 मीटर) से भी कम दूरी पर आ गया। ड्रोन से शिप और उसके क्रू की जान पर खतरा था। शिप के हमले में ड्रोन पूरी तरह तबाह हो गया। हालांकि, ईरानने अपने ड्रोन के नुकसान की बात को नकार दिया था।
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Source: bhaskar international story