Uncategorized

एक परिवार का देश निकाला रोकने के लिए 1400 घंटे से प्रार्थना कर रहा चर्च



एम्सटर्डम. नीदरलैंड के एक चर्च में 1400 घंटे से (26 अक्टूबर से) लगातार प्रार्थना चल रही है। मकसद है एक आर्मेनियाई परिवार का देश निकाला रोकना। प्रार्थना के चलते क्रिसमस पर चर्च में प्रवेश के लिए लोगों को बाकायदा टिकट जारी की गईं।

  1. डच कानून के मुताबिक- प्रार्थना के दौरान पुलिस अफसरों को चर्च में प्रवेश की अनुमति नहीं है। लिहाजा आर्मेनियाई परिवार का देश निकाला रोकने के लिए पादरियों को यह आइडिया आया। बीते 60 दिन से सैकड़ों पादरी और वॉलंटियर प्रार्थना कराने में लगे हुए हैं।

  2. बेथल चर्च के एक्सेल विके ने बताया- पूरे नीदरलैंड में प्रार्थनाएं तीर्थयात्रा की तरह होती हैं। लोग इनमें शामिल होना चाहते हैं। क्रिसमस ईव और क्रिसमस के दिन इसमें ज्यादा लोग शामिल होते हैं।

  3. आर्मेनिया का तम्राज्यान परिवार 9 साल से हेग में रह रहा है लेकिन उनके राजनीतिक शरण की अपील खारिज कर दी गई। डच मंत्री मार्क हर्बर्स ने परिवार को नीदरलैंड में बनाए रखने के लिए अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल नहीं किया।

  4. अपील खारिज होने के बाद तम्राज्यान परिवार को 25 अक्टूबर 2018 को देश छोड़कर जाना था लेकिन वे अभी तक चर्च में हैं। हालांकि मार्क हर्बर्स के कार्यालय ने मामले पर कोई भी टिप्पणी से इनकार कर दिया।

  5. द हेग के प्रोटेस्टेंट चर्च के रेवरेंड थियो हेतमा ने कहा- क्रिसमस पर हम सभी ईश्वर के मानवता के संदेश को उत्सव के रूप में मनाते हैं। ऐसे में किसी परिवार को देश से निकाले जाने के बारे में सोचा ही नहीं जा सकता। हम तम्राज्यान परिवार के साथ हैं और सरकार को मामले को समझाने की कोशिश करेंगे।

  6. परिवार की बड़ी बेटी हयारपी तम्राज्यान (21) ने कहा- हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा लेकिन उम्मीद है कि नीदरलैंड में रहने की अनुमति मिल जाएगी। यह हमारा लंबे समय तक घर रहा है। मैं, मेरा भाई और बहन इसी देश में पले-बढ़े। प्रार्थना से परिवार को चमत्कार की उम्मीद है कि उन्हें देश निकाला नहीं झेलना पड़ेगा।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      nonstop church service in the Netherlands aimed stopping an Armenian family from deported


      nonstop church service in the Netherlands aimed stopping an Armenian family from deported

      Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *