नासा ने किया सुपरसोनिक पैराशूट का टेस्ट, सेकंड के चालीसवें हिस्से में रॉकेट से अलग हुआ
वॉशिंगटन. नासा के मंगल मिशन 2020 के लिए तैयार ‘सुपरसोनिक पैराशूट’ ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, रॉकेट लॉन्च होने के बाद यह पैराशूट एक सेकंड के चालीसवें हिस्से में एक्टिव हो गया और 37 हजार किग्रा वजन के साथ सकुशल जमीन पर उतर आया। स्पेस एजेंसी ने उम्मीद जताई कि यह पैराशूट मंगल मिशन में अहम भूमिका निभाएगा।
नासा के मुताबिक, सुपरसोनिक पैराशूट ब्लैक ब्रैंट-11 रॉकेट में जुड़े अंतरिक्ष उपकरण के साथ लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के महज दो मिनट बाद अंतरिक्ष उपकरण रॉकेट से अलग हो गया और पृथ्वी के वातावरण की ओर लौटने लगा।
रिपोर्ट में बताया गया कि यह अंतरिक्ष उपकरण एक निश्चित ऊंचाई (जमीन से 38 हजार किमी ऊपर) पर रह गया तो उसमें लगे सेंसर एक्टिव हो गए। इसके बाद अंतरिक्ष उपकरण में लगा सुपरसोनिक पैराशूट एक सेकंड के चालीसवें हिस्से में खुल गया और सफलतापूर्वक जमीन पर आ गया।
नासा ने बताया कि आकार के हिसाब से यह पैराशूट अब तक के इतिहास में सबसे तेज खुला। उस वक्त सुपरसोनिक पैराशूट पर 70 हजार पौंड का वजन था।नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह पैराशूट नायलॉन, टेकनोरा और केवलर फाइबर से बनाया गया।
सुपरसोनिक पैराशूट नासा के मंगल मिशन 2020 का खास हिस्सा है, जो फरवरी 2021 में लाल ग्रह पर लैंड होगा। मंगल मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जॉन मैकनैमी ने बताया कि मिशन के दौरान रॉकेट से काफी भारी अंतरिक्ष उपकरण मंगल ग्रह की सतह पर उतारे जाएंगे।
जॉन मैकनैमीने बताया कि सुपरसोनिक पैराशूट की क्षमता 37 हजार किग्रा वजन उठाने की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वजन मंगल की सतह पर उतारे जाने वाले अंतरिक्ष उपकरणों के वजन से 85% ज्यादा है।
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Source: bhaskar international story