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निलंबित आईजी ने कहा- राष्ट्रपति सिरिसेना ईस्टर के दिन हुए धमाकों को रोकने में असफल रहे



कोलंबो. श्रीलंका में ईस्टर पर हुएधमाकों के बाद हटाए गएपुलिस प्रमुख पी.जयसुंदरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें उन्होंने अपने निलंबन को अनुचित बताया। जयसुंदरा ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना पर आरोप लगाया किआतंकी हमले से जुड़े इनपुटमिलने के बाद भी वे इन हमलों को नहीं रोक पाए।

दरअसल, राष्ट्रपति सिरिसेना ने हीआईजी जयसुंदरा को अनिवार्य रूप से अवकाश पर भेजा। पिछले सप्ताह कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईजी ने कहा कि अक्टूबर 2018 से राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच राजनीतिक खींचतान रही है। इसी कारण राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों में जयसुंदरा को शामिल नहीं होने दिया गया।

नेशनल इंटेलिजेंस का पत्र मिला: पूर्व आईजी जयसुंदरा

जयसुंदरा ने 20 पेज की शिकायत में कोर्ट से कहा था कि 9 अप्रैल को हमें नेशनल इंटेलिजेंससे एक पत्र मिला। इसमें योजनाबद्ध हमले की जानकारी दीगई थी। लेकिन स्टेट इंटेलिजेंस सर्विसेज (एसआईएस) के प्रमुख नीलांत जयव‌र्द्धने ने लापरवाही बरती। हालांकि राष्ट्रपति सिरिसेना ने जयवर्द्धनेको राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जानकारी सीधे प्रधानमंत्री को देने के लिए कहा था।

अधिकारियों ने मुझे बताया ही नहीं: राष्ट्रपति सिरिसेना
श्रीलंकाईराष्ट्रपति ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी तक हमलावरों के भारत से संबंध होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हमलों से जुड़ी जानकारी के इनपुट अधिकारियों ने मेरे साथ साझा नहीं किए।

भारत आए थे आतंकी: लेफ्टिनेंट जनरल
श्रीलंकाई सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके ने मई में एक मीडिया कंपनी को इंटरव्यू दिया। उन्होंने दावा किया किईस्टर धमाकों को अंजाम देने से पहलेआतंकी ट्रेनिंग के लिए भारत गए थे। आतंकियों ने कश्मीर, केरल और बेंगलुरु में ट्रेनिंग की। हमें ऐसी जानकारी मिली। हालांकि राष्ट्रपति ने ऐसे किसी भी दावे से इनकार किया।

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पूर्व आईजी पुजित जयसुंदरा।

Source: bhaskar international story

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