फिलीपींस के बच्चे को 10 साल तक वॉकर के नाम से पैसे भेजते थे बुश सीनियर
वॉशिंगटन. अमेरिका के 41वें राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश फिलीपींस के एक बच्चे टिमोथी को 10 साल आर्थिक सहायता देते रहे। जॉर्ज एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कम्पैशन इंटरनेशनल के जरिए पैसे भेजते थे। बुश सीनियर टिमोथी को जी वॉकर नाम से पत्र भी लिखते थे। जॉर्ज ने कभी भी अपनी असलियत का खुलासा नहीं किया। हाल ही में टिमोथी का ग्रेजुएशन पूरा हुआ है। उसे ग्रेजुएशन के बाद ही पता लगा कि उसकी मदद करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे।जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश का 30 नवंबर को ही निधन हुआ।
बुश परिवार की ओर से पत्रों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई। हालांकि बुश के ऑफिस के प्रवक्ता जिम मैकग्रा ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपतिफिलीपींस के एक बच्चे के साथ पत्र व्यवहार करते थे। बुश ने टिमोथी को पहला पत्र 24 जनवरी, 2002 को लिखा था।
पहले लेटर में बुश ने लिखा- डियर टिमोथी, मैं तुम्हें दोस्त बनाना चाहता हूं। मैं 77 साल का एक बुजुर्ग आदमी हूं लेकिन मुझे बच्चों से प्यार है। मैं तुमसे कभी नहीं मिला, लेकिन तुमसे प्यार करता हूं। मैं टेक्सास में रहता हूं। मैं हमेशा तुम्हें पत्र लिखता रहूंगा। गुड लक। जी वॉकर।
कम्पैशन इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष वेस स्टाफोर्ड के मुताबिक- इसकी शुरुआत 2001 से हुई। वॉशिंगटन के क्रिसमस कॉन्सर्ट में म्यूजिशियंस ने ऑडियंस से पूछा कि क्या कोई एक बच्चे की मदद का जिम्मा ले सकता है? तुरंत बुश ने आवाज लगाई और पैम्पलेट देने को कहा। इसके बाद उन्होंने टिमोथी को पैसा भेजना शुरू कर दिया।
बुश के अचानक किसी चीज के लिए हामी भर देना उनकी सिक्योरिटी टीम के लिए परेशानी की बात थी। पैम्पलेट में दी गई जानकारी पुख्ता थी, इस बात की कोई गारंटी नहीं थी। लेकिन बुश बच्चे की मदद करने का ठान चुके थे।
स्टाफोर्ड ने बताया- बुश सीनियर की सिक्योरिटी टीम ने मुझे बुलाया। उन्होंने कहा कि अगर बुश बच्चे की मदद करते हैं तो उसे यह पता नहीं लगना चाहिए कि उसे स्पॉन्सर करने वाला कौन है? दरअसल टीम को बच्चे की सुरक्षा की चिंता थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मदद किए जाने के चलते बच्चा निशाने पर आ सकता था।
स्टाफोर्ड के मुताबिक- एक लेटर में बुश ने अपने बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने लिखा- ये मेरी डॉगी सैडी है। वह कई मशहूर लोगों से मिल चुकी है। वह इंग्लैंड में पैदा हुई और चूहों को पकड़ने में माहिर है। वह हवा की तरह भागती है।
एनजीओ के पूर्व अध्यक्ष बताते हैं- बुश टिमोथी को व्हाइट हाउस दिखाना चाहते थे। एक लेटर में उन्होंने लिखा था- क्या तुमने कभी व्हाइट हाउस के बारे में सुना है? यहां अमेरिका के राष्ट्रपति रहते हैं। मैं क्रिसमस पर वहां गया था। जो बुकलेट तुम्हें भेजी है, वह व्हाइट हाउस में ही मिली थी।
एक बार टिमोथी ने बुश को पेंटिंग भेजी तो उन्होंने बदले में कलर पेंसिल, स्केच पेड्स और पेंट भेज दिए। एक बार टिमोथी ने लिखा- डियर मि. एंड मिसेज वॉकर, आप कैसे हैं? उम्मीद है कि आप बेहतर होंगे। मुझे याद रखने के लिए शुक्रिया। आप बहुत अच्छे हैं। ईश्वर हम पर मेहरबान रहा है। किताबों के लिए धन्यवाद। मुझे वह काफी पसंद आईं।
टिमोथी को 17 साल की उम्र तक यह पता नहीं था कि उसकी मदद करने वाला कौन है। कम्पैशन इंटरनेशनल की एक कर्मचारी एंजी लेथॉर्प ने टिमोथी को बुश के बारे में बताया। उसने कहा- भरोसा नहीं हो रहा कि जिन्हें मैं पत्र लिखता था, वह अमेरिका के राष्ट्रपति थे। उन्होंने मेरी जिंदगी बदल दी।
कम्पैशन इंटरनेशनल 25 देशों में 7 हजार चर्चों को मदद देता है। ये पैसा गरीब बच्चों के रहने-खाने, पढ़ाई पर खर्च होता है।
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Source: bhaskar international story