बस से टकराकर गर्दन टूटी, सीधा रखने के लिए सिर में स्क्रू लगे; एक साल बाद आयरनमैन रेस दौड़े
वॉशिंगटन. दुनिया की सबसे कठिन रेस में शुमार आयरनमैन ट्राएथलॉन को पूरा करना हर मैराथन रनर का सपना होता है। हालांकि, इसमें शामिल होने वाले एथलीट को कुछ ही घंटों में 3.8 किमी की तैराकी, 180 किमी की साइकिलिंग और 42 किमी की मैराथन पूरी करनी होती है। प्रोफेशनल एथलीट टिम डॉन ने जब 2018 में इस रेस में हिस्सा लिया, तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि कुछ ही महीने पहले टूटी गर्दन और बिना परफेक्ट प्रैक्टिस के वो इसे पूरा करेंगे। लेकिन उनके बड़े हौसले ने इस 226 किमी की बड़ी रेस को बौना साबित कर दिया।
आयरनमैन रेस से पहले ही तोड़ा था विश्व रिकॉर्ड
टिम डॉन ने इस रेस में शामिल होने के लिए कितनी तैयारी की थी, वह सिर्फ इससे समझा जा सकता है कि मई 2017 में उन्होंने ब्राजील की साउथ अमेरिकन आयरनमैन चैम्पियनशिप में विश्व रिकॉर्ड ही नहीं बनाया, बल्कि पुराने रिकॉर्ड को 4 मिनट के बड़े अंतर से ध्वस्त कर दिया। उन्होंने रेस 7 घंटे 40 मिनट और 23 सेकंड में खत्म की थी।
एक्सीडेंट ने तोड़ा सपना
इस जीत के बाद जब टिम को लगने लगा कि वह आयरनमैन रेस को जीत सकते हैं, तभी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। अक्टूबर 2017 में साइकिलिंग की प्रैक्टिस के दौरान वह एक ट्रक से टकरा गए और सिर के बल जमीन पर गिर गए। डॉन के मुताबिक, 25 मिनट जब उन्हें होश आया तो उनके कंधे, गर्दन और रीढ़ में काफी दर्द था।
इसके बाद डॉन को अस्पताल ले जाया गया।एमआरआई में उनकी गर्दन में स्थित रीढ़ टूटी पाई गई। यह ऐसा समय था जब आयरनमैन रेस कुछ ही दिन दूर थी। हालांकि, रीढ़ में चोट के चलते डॉक्टरों को उनके सिर पर हैलो बांधना पड़ा और खोपड़ी पर स्क्रू कसना पड़ा, जिससे गर्दन पूरी तरह से स्थिर हो गई।
वापसी पर डॉक्टर भी नहीं थे निश्चित
डॉन के मुताबिक, यह वो दौर था जब वो छोटे काम भी नहीं कर पाते थे। यहां तक की कपड़े बदलने में भी उन्हें पत्नी की मदद की जरूरत होती थी। ज्यादा चाल पर तो उनकी खोपड़ी से जुड़े स्क्रू ढीले हो जाते थे और उन्हें कसने के लिए डॉक्टरों को खोपड़ी के अंदर तक कसना पड़ता था। डॉक्टरों ने यह तक कह दिया था कि वे उन्हें एक एक्टिव लाइफस्टाइल देने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि, दोबारा रेस कर पाने के सवाल पर डॉक्टर भी निश्चित नहीं थे।
जहां सामान्य स्थिति में डॉन 6.5 किमी तक तैरने के अलावा 80 किमी साइकिलिंग और 16 किमी दौड़ लगा लेते थे, वहीं इस स्थिति में वो कई महीनों तक ठीक से हिल भी नहीं सकते थे। हालांकि, हैलो लगने के महज साढ़े चार हफ्ते बाद ही उन्होंने जिम जाना शुरू कर दिया। डॉन का कहना है कि जिम में जब उन्होंने 5 मिनट एक्सरसाइज बाइक चलाई तो उन्हें उम्मीद की किरण दिखी। एक्सीडेंट के छह महीने के अंदर ही उन्होंने बॉस्टन मैराथन को अपना पहला लक्ष्य बनाया।
डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया डॉन का कठिन सफर
चौंकाने वाली बात यह थी कि टूटी गर्दन के बावजूद डॉन ने तीन घंटे से भी कम समय में मैराथन पूरी कर ली। यहीं से डॉन को आयरनमैन रेस में हिस्सा लेने का हौसला मिला। अक्टूबर 2018 में डॉन आयरनमैन वर्ल्ड चैम्पियनशिप रेस में हिस्सा लेने पहुंचे और 8 घंटे 45 मिनट में रेस को पूरा किया। यह नजारा देखने के लिए ऑडियंस में उनका परिवार भी मौजूद था। कठिन परिस्थितियों में लौटने की ताकत कोडॉक्यूमेंट्री ‘मैन विद द हैलो’ में भी दिखाया गया था। डॉन अब इस साल फ्रांस की नीस में होने वाली आयरनमैन रेस में जीत के इरादे से उतरेंगे।
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Source: bhaskar international story