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महिंदा राजपक्षे ने सिरिसेना की पार्टी से 50 साल पुराना गठबंधन तोड़ा



कोलंबो. श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (72) ने रविवार को सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) से 50 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। वे अब नवगठित श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) में शामिल हो गए हैं।

  1. राजपक्षे के इस कदम से माना जा रहा है कि वे 5 जनवरी को होने वाले चुनाव में अकेले लड़ सकते हैं। इस दौरान वे 1951 में गठित एसएलएफपी का साथ नहीं देंगे, जबकि राजपक्षे के पिता डॉन एल्विन राजपक्षेइस पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने रविवार सुबह एसएलपीपी की सदस्यता ग्रहण की। राजनीति में राजपक्षे की वापसी के लिए यह पार्टी उनके समर्थकों ने पिछले साल बनाई थी।

  2. कुछ दिन पहले राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। विक्रमसिंघे ने खुद को हटाने के फैसले को असंवैधानिक बताया था। उन्होंने संसद में बहुमत साबित करने के लिए मौका देने की मांग की थी।

  3. विक्रमसिंघे के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन के बाद न्यूयॉर्क के ह्यूमन राइट्स वॉच ने चेतावनी दी थी कि श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री बनाने से गलत परंपरा की शुरुआत हो सकती है। बताया जा रहा है कि सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच कई मुद्दों खासकर आर्थिक और सुरक्षा मसलों पर मतभेद थे।

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      महिंदा राजपक्षे (बाएं) और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना (दाएं)।

      Source: bhaskar international story

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