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रेलवे स्टेशन पर ऐसे कर्मचारी की जरूरत, जिसे सिर्फ लाइट ऑन-ऑफ करना होगा, वेतन 1.6 लाख रु. महीना मिलेगा



गाेथेनबर्ग.बेराेजगारी के इस दाैर में कल्पना कीजिए अापकाे एक एेसी नाैकरी का अाॅफर मिले, जहां अापकाे काेई काम नहीं करना हाेगा। अाप ड्यूटी के समय कुछ भी करने काे अाजाद हाेंगे। अाप चाहें फिल्म देखें या किताबें पढ़ें या सिर्फ साे भी सकते हैं। बस इतना करना हाेगा कि समय पर पहुंचकर वहां एक फ्लाेरसेंट लाइट काे जलाना हाेगा अाैर ड्यूटी अवधि खत्म हाेने पर इसे बुझाना हाेगा। इसके अलावा ड्यूटी के दाैरान वहीं रहना भी जरूरी नहीं है। वेतन भी अाकर्षक है। हर महीने करीब 1.62 लाख रुपए (2280 डाॅलर) दिए जाएंगे। अापकी यह नाैकरी स्थाई हाेगी अाैर सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन भी मिलेगी।

स्वीडन के गाेथेनबर्ग के काेर्सवैगन रेलवे स्टेशन पर इस जाॅब के लिए 2025 में अावेदन किया जा सकेगा। यह अनूठी वेकैंसी स्वीडेन के दाे कलाकाराें- साइमन गाेल्डिन अाैर जैकब सेनेबी ने निकाली है। उन्हाेंने इसे “इटर्नल एम्प्लॉयमेंट’ नाम दिया है। बड़ी बात यह है कि इस जाॅब के लिए उम्मीदवार काे किसी खास याेग्यता की भी जरूरत नहीं है। दुनियाभर के लाेग इसके लिए अावेदन कर सकते हैं। सफल उम्मीदवार की नियुक्ति 2026 से हाेगी, क्याेंकि तब तक इस रेलवे स्टेशन के बनने अाैर ट्रेनाें का परिचालन शुरू हाेने की उम्मीद है। गोल्डिन और सेनेबी ने स्वीकार किया कि काम के बिना कर्मचारी ऊब सकता है। लेकिन वह अपनी रचनात्मक प्रतिभा का उपयाेग कर सकता है या वह आराम की नाैकरी कर सकता है। हमारा उद्देश्य लोगों को श्रम के महत्व को समझाना है।

गाेल्डिन अाैर सेनेबी ने कहा कि वे पुरस्कार में मिले धन को ऐसी योजना में निवेश करेंगे, जिससे मिलने वाले रिटर्न से कर्मचारी के वेतन का प्रबंधन करेंगे। निवेश से जो रिटर्न मिलेगा, वह 120 वर्षों तक वेतन के लिए पर्याप्त हाेगा। इसके लिए वे एक फाउंडेशन का गठन करेंगे। उनका यह विचार अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी के सिद्धांत से प्रेरित है, जिसमें पिकेटी ने कहा है कि विकसित देशों में औसत मजदूरी बढ़ने की तुलना में पूंजी पर रिटर्न तेजी से बढ़ता है। इससे अमीर अाैर अमीर हो जाते हैं, जबकि गरीब अाैर कामगार वर्ग का जीवन संघर्ष में ही गुजरता है।

स्टेशन की डिजाइन के लिए हुई थी प्रतियाेगिता, पुरस्कार राशि से वेतन
स्वीडन की सरकार ने गाेथेनबर्ग शहर में दाे नए स्टेशनाें की डिजाइन के लिए अार्टिस्ट्स की प्रतियाेगिता कराई थी, जिसे स्वीडिश अार्टिस्ट साइमन गोल्डिन और जैकब सेनेबी ने जीता था। सरकार से उन्हें करीब 4.50 कराेड़ रुपए बताैर पुरस्कार मिले। इसी राशि से ये कलाकार बिना काम वाले कर्मचारी को वेतन देंगे।

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ऐसा होगा काेर्सवैगेन स्टेशन।

Source: bhaskar international story

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