सांता क्लॉज को सच मानना बंद कर देते हैं आठ साल की उम्र तक के बच्चे
लंदन. एक सर्वे में कहा गया है कि आठ साल की उम्र तक आते-आते बच्चे सांता क्लॉज में भरोसा नहीं करते। हालांकि 34% वयस्क अब भी सांता के होने की बात पर यकीन करते हैं। कई युवा मानते हैं कि सांता का कोई अस्तित्व नहीं है लेकिन फिर भी वे फादर क्रिसमस के होने पर भरोसा रखते हैं।
यूके की एक्सटर यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर क्रिस बॉयल ने पूरी दुनिया के लोगों से पूछा था कि वे सांता को लेकर क्या सोचते हैं? बॉयल को पूरी दुनिया से 1200 लोगों के जवाब मिले। इसमें कई वयस्कों ने अपने बचपन की सोच बताई।
सर्वे में बताया गया कि 34 प्रतिशत लोग अभी भी सांता में भरोसा करते हैं। सर्वे में शामिल 34% लोगों ने कहा कि फादर क्रिसमस (सांता) में विश्वास करने से बच्चे के रूप में उनके बर्ताव में सुधार हुआ जबकि 47% ने पाया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
शोध के मुताबिक- 8 साल का बच्चा फादर क्रिसमस में भरोसा करना बंद कर देता है। 65% लोग बचपन में सांता के मिथक को सच मानते थे, यह जानने के बावजूद कि वह सच नहीं है।
सर्वे में शामिल एक तिहाई लोगों ने बताया कि उन्हें इस बात से धक्का लगा जब फादर क्रिसमस के सही न होने का पता चला। 15% ने माना कि इस मामले में उन्हें माता-पिता ने ही धोखा दिया। 10% इस बात से नाराज हुए।
31% माता-पिता ने बताया कि जब उनके बच्चे ने सांता की सच्चाई के बारे में पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। 40% पेरेंट्स ने कहा कि उन्होंने बच्चों को सांता के होने के बारे में बताया। 72% पेरेंट्स बच्चों को सांता के बारे में बताकर खुश महसूस किया।
बॉयल ने कहा कि बीते दो साल काफी मजेदार रहे क्योंकि दुनियाभर के लोगों ने सांता मिथक को लेकर अपनी-अपनी कहानियां सुनाईं। कुछ लोगों को यह सुनकर धक्का लगा जब सांता के न होने का पता चला। यह सुनना अच्छा लगा कि काल्पनिक होने के बावजूद लोगों ने कैसे सांता पर विश्वास करना शुरू किया?
बॉयल के मुताबिक- बच्चे का सांता पर भरोसा करने का मुख्य कारण या तो माता-पिता की आकस्मिक या जानबूझकर कार्रवाई है, लेकिन कुछ बच्चे अपने आप को सच्चाई को एक साथ जोड़ना शुरू कर देते हैं क्योंकि वे बड़े हो जाते हैं।
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Source: bhaskar international story