हुवावे ने कहा- अगले 2 साल में 2 लाख करोड़ रु. के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है
शेनझेन (चीन). हुवावे के फाउंडर और सीईओ रेन झेंगफे ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध से उनकी कंपनी को अगले 2 साल में 30 अरब डॉलर (2.10 लाख करोड़ रुपए) के रेवेन्यू का नुकसान होने की आशंका है। झेंगफे ने दो सालों में सेल्स रेवेन्यू 100 अरब डॉलर (7 लाखकरोड़ रुपए) रहने का अनुमान जताया है जबकि पिछले साल रेवेन्यू 20% बढ़कर 104 अरब डॉलर रहा था।
अमेरिका ने 16 मई को हुवावे को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इस वजह से हुवावे वहां की कंपनियों से तकनीक नहीं खरीद सकती। उनके साथ कारोबार नहीं कर सकती। अमेरिका को डर है कि हुवावे के उपकरणों के जरिए चीन जासूसी कर सकता है। हालांकि, हुवावे इस तरह के खतरे की बात से इनकार करता रहा है।
पिछले दिनों हुवावे ने कहा था कि उसने इस साल के आखिर तक सैमसंग को पीछे छोड़ दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बनने का लक्ष्य पिछहाल छोड़ दिया है। इसमें और ज्यादा वक्त लगेगा। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि हुवावे लंबे समय तक अमेरिकी तकनीक से दूर रही तो उसे एपल से आगे रहने में भी संघर्ष करना पड़ सकता है। रिसर्च फर्म आईडीसी की एनालिस्ट किरणजीत कौर का कहना है कि 2 महीने में कुछ सकारात्मक होता है तो हुवावे इस साल दुनिया की नंबर-2 स्मार्टफोन कंपनी की पोजिशन बचा सकती है।
अमेरिका ने पिछले कई सालों से हुवावे के खिलाफ अभियान चला रखा है। वह अपने सहयोगी देशों पर भी इस बात का दबाव बना चुका है कि वे 5जी नेटवर्क में हुवावे की सर्विस इस्तेमाल नहीं करें। इन सब के बावजूद हुवावे दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता और दूसरी बड़ी स्मार्टफोन विक्रेता कंपनी बनी हुई है। पिछले साल उसने एपल को पीछे छोड़ा था। लेकिन, अमेरिका द्वारा ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद हुवावे पर दबाव बढ़ा है। इस साल 17 मई से 16 जून तक चीन के बाहर कंपनी की स्मार्टफोन बिक्री 40% घटी है।
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Source: bhaskar international story