Uncategorized

5 बैगों में भरकर दूतावास से बाहर ले जाए गए थे खशोगी के शव के टुकड़े



रियाद. वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की बात कबूलने के बाद भी सऊदी अरब अब तक उनके शव के बारे में जानकारी नहीं दे पाया है। जांच एजेंसियों के अधिकारी भी खशोगी की मौत को लेकर कोई पुख्ता सबूत हासिल नहीं कर पाए हैं। हालांकि, इसी बीच तुर्की के सरकारी अखबार ‘सबाह’ ने रिपोर्ट में दावा किया है कि सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या के बाद हत्यारों ने उनके शव के टुकड़े 5 सूटकेसों में भरकर दूतावास के बाहर पहुंचाए।

  1. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सूटकेसों को काफी समय के लिए दूतावास के पास ही स्थित राजदूत के घर में रखा गया। तुर्की सरकार के अधिकारियों ने अखबार को बताया कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले 15 हत्यारों में माहेर मुतरेब, सलाह तुबेइगी और थार अल-हर्बी प्रमुख थे।

  2. इनमें मुतरेब मोहम्मद बिन सलमान के करीबी हैं। तुबेइगी सऊदी अरब के फॉरेंसिक साइंस काउंसिल के प्रमुख एवं सेना में कर्नल है। अल हर्बी को पिछले साल जेहादी हमले से राजमहल की रक्षा करने के लिए लेफ्टिनेंट के तौर पर पदोन्नति दी गई थी।

  3. इससे पहले तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी यासिन आकताय ने आशंका जताई थी कि खशोगी के शव के टुकड़े कर उन्हें तेज़ाब में डाल दिया गया। आकताय का कहना था कि हत्यारों ने ऐसा इसलिए किया ताकि खशोगी से जुड़ा कोई भी सुराग बाकी न रह जाए। हालांकि, फॉरेंसिक टीमों को अभी तक जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि खशोगी का शव तेजाब में डाला गया था।

  4. इसी बीच खशोगी के बेटों सालाह और अब्दुल्लाह खशोगी ने अपील की है कि उनके पिता का शव उन्हें लौटा दिया जाए, ताकि वे उसे सऊदी अरब में दफना सकें। अमेरिका मीडिया समूह सीएनएन को दिए इंटरव्यू में दोनों ने कहा कि शव के बिना उनका परिवार लगातार संवेदनाओं के बोझ में है। इस मामले में दोनों ने सऊदी अधिकारियों के संपर्क में भी होने की बात कही।

  5. वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में अपनी शादी से जुड़े दस्तावजे लेने गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। हालांकि, अगले कुछ दिनों तक चली जांच के बाद सऊदी ने कबूल किया था कि खशोगी को हत्यारों की एक टीम ने दूतावास के अंदर ही मार डाला।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

      Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *