घोटाले (SCAMS)देशब्रेकिंगराज्य

आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के घोटाले से जुडी चौकाने वाली खतरनाक बाते

सरकार ढूंढ रही आदर्श क्रेडिट के 300 करोड़

आदर्श सोसायटी का मामला : कर्ज लेने वाली आदर्श बिल्ड ने अन्य कम्पनी को दे डाला लोन, जयपुर रजिस्ट्रार कार्यालय ने दिए जांच के आदेश

आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से ऋण के नाम पर किए गए 300 करोड़ रुपए के लेन-देन का हिसाब राज्य सरकार ढूंढ रही है। आदर्श ने आम आदमी के गाढ़े पसीने की कमाई में से इतनी बड़ी राशि ऐसी कंपनी को दे दी जिसका कोई वजूद नहीं था। इतना ही नहीं लोन पाने के बाद इस कम्पनी ने कर्जे की रकम में से बड़ी राशि तीसरी कम्पनी को दे दी।

सूत्रों के अनुसार कोलकाता निवासी एडवोकेट पूजा अग्रवाल, रामानंद सिंह और अन्य लोगों ने राज्य सरकार को अलग-अलग शिकायत कर बताया गया कि सोसायटी ने आदर्श बिल्ड एस्टेट लिमिटेड (एबीएल) को वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान 300 करोड़ रुपए का ऋण दे दिया। एबीएल की प्रदत्त पूंजी (पेड-अप केपिटल) महज 5 लाख रुपए है और घाटे की कम्पनी है। कम्पनी ने लाभ-हानि के आंकड़ों  में 31 मार्च 2012 तक 1.30 करोड़ रुपए और 31 मार्च 2013 तक 29.94 करोड़ रुपए के घाटे को दर्शाया। एेसे में आदर्श सोसायटी ने किस आधार पर इस कम्पनी को इतना बड़ा लोन दे दिया

सीयर्स को भी दे दिया लोन

एबीएल ने पांच करोड़ रुपए की मोटी रकम एक और कम्पनी सीयर्स बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को दी। यह लोन इंडियन फाइबर्स लिमिटेड के नाम एक भूखंड के संदर्भ में दिया गया। इस कंपनी का कलकत्ता हाईकोर्ट में विवाद चल रहा है और इसके प्रबंधन तथा नियंत्रण स्टाफ के बीच भी विवाद है। इस बारे में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश भी दिया है, जिसकी प्रति शिकायत के साथ राज्य सरकार को भेजी गई। सीयर्स समेत सभी कम्पनियों के दस्तावेज भी हाईकोर्ट के संज्ञान में लाए गए।

सहकारी विभाग बेबस

पूरे प्रकरण में सहकारी समितियां जयपुर विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) ने 14 फरवरी 2104 को उदयपुरखंड के अतिरिक्त रजिस्ट्रार कार्यालय को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। कार्यालय ने सोसायटी को कई पत्र लिखे और रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के नोटिस जारी किए। लेकिन सोसायटी ने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया।ऐसे में ढाई वर्ष बाद भी जांच शुरू नहीं हो सकी।

मुकेश मोदी ही दोनों कम्पनियों के संस्थापक

3 जनवरी 2014 को दी गई शिकायत में उल्लेखित किया गया कि एबीएल के मुख्य संस्थापक (प्रमोटर) मुकेशमोदी ही आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के भी कर्ता-धर्ता हैं। इससे स्पष्ट है कि दोनों संस्थाओं के बीच जनता का पैसा इधर-उधर किया गया। जबकि सोसायटी ने 30 सितम्बर 2013 को अपना कुल लोन 3 लाख 14 हजार 423 करोड़ बताया था। इसमें से 313.58 करोड़ रुपए जो कुल लोन का 10 प्रतिशत है, एबीएल कोदे दिया।

बिना रिकॉर्ड कैसे हो जांच

सोसायटी के रिकॉर्ड की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश मिले थे। हमने सोसायटी को कई बार नोटिस जारी किए,लेकिन वांछित सूचनाएं और रिकॉर्ड नहीं दिया गया। इन हालात में निरीक्षण और शिकायत का परीक्षण संभव नहीं है।

Source:Patrika.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *