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अमेरिका ने कहा- भारत को अंतरिक्ष में खतरा महसूस हो रहा था, इसलिए ए-सैट परीक्षण किया



वॉशिंगटन. अब अमेरिका ने भारत के ए-सैट परीक्षण का समर्थन किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने गुरुवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष में खतरे को लेकर चिंतित था, इसी के चलते उसने ए-सैट परीक्षण किया। भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली।यह ताकत हासिल करने वाला भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद परीक्षण की कामयाबी की जानकारी दी थी।

अमेरिका के पहले दिए 4 बयान

  • 5 अप्रैल : पेंटागन ने ए-सैट के मलबे को लेकर संभावना जताई कि वह वायुमंडल में ही जलकर नष्ट हो जाएगा।
  • 3 अप्रैल : नासा ने कहा कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है।
  • 31 मार्च : पेंटागन ने भारत के मिशन शक्ति की जासूसी को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि अमेरिका को टेस्ट की पहले से जानकारी थी। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट डेविड डब्ल्यू एस्टबर्न ने कहाकि हमने किसी भी तरह से भारत की जासूसी नहीं की बल्कि हम भारत के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • 29 मार्च : अमेरिकी कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहन ने कहा था कि हम भारत के परीक्षण का अध्ययन कर रहे हैं। शैनहन ने दुनिया के ऐसे किसी भी देश को चेतावनी दी थी जो भारत जैसे एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के लिए विचार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम अंतरिक्ष में मलबा छोड़कर नहीं आ सकते।
  1. यूएस स्ट्रैटजिक कमांड के कमांडर जनरल जॉन ई हाइटन के मुताबिक- भारत के ए-सैट परीक्षण को लेकर पहली बात जो सामने आती है, वह यह कि उसने यह परीक्षण क्यों किया? इसका जवाब यह है कि उन्हें अंतरिक्ष में खतरा महसूस हो रहा था।

  2. हाइटन ने सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी से यह भी कहा कि इसी खतरे के चलते भारत ने अंतरिक्ष में खुद को ताकतवर बनाने का सोचा। सीनेटरों ने हाइटन से भारत के ए-सैट परीक्षण की जरूरत को लेकर सवाल पूछा था।

  3. पेंटागन के टॉप कमांडर हाइटन कहते हैं, “अगर आप मानदंडों की बात करें तो एक जिम्मेदार कमांडर के रूप में मुझे अंतरिक्ष में और मलबा नहीं चाहिए।

  4. सीनेटर टिम केन ने भारत के परीक्षण पर चिंता जताते हुए कहा- वह कह रहे हैं कि लो ऑर्बिट में एक सैटेलाइट नष्ट किया गया। उपग्रह के 400 टुकड़े हो गए, जिसमें से 24 टुकड़े इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए खतरा है। 2007 में चीन के भी इसी तरह के परीक्षण से सैटेलाइट के टुकड़े हुए थे। इन टुकड़ों से अभी तक खतरा बना हुआ है।

  5. भारत के मिशन शक्ति को लेकर पेंटागन और नासा के बयानों में विरोधाभास भी सामने आया। नासा प्रमुख जिम ब्राइडनस्टाइन अंतरिक्ष में ए-सैट के 400 टुकड़े होने की बात कही। टुकड़ों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर खतरा बताया गया। वहीं, कार्यवाहक रक्षा मंत्री शैनहन ने कहा था कि मलबा वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जाएगा।

  6. भारत के शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा था कि ए-सैट का मलबा 45 दिन में नष्ट हो जाएगा। वहीं अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्क्विस के मुताबिक- हम भारतीय ए-सैट के मलबे पर लगातार नजर रखे हुए हैं जिससे मानव अंतरिक्ष यान और आईएसएस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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      US defends India’s ASAT test Says country is concerned over threats in space

      Source: bhaskar international story

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