प्रतिभाओं का पलायन न हो, इसलिए सरकार ने 26 साल तक के 20 लाख युवाओं को टैक्स से मुक्त किया
वारसॉ. पोलैंड 2004 में यूरोपीय यूनियन में शामिल हुआ था। प्रधानमंत्री मातेयूज मोरावीकी के मुताबिक, इन 15 सालों में करीब 17 लाख लोगों ने देश छोड़ा है। पलायन को रोकने के लिए सरकार ने टैक्स कानून में बदलाव करने का फैसला किया है। कानून के मुताबिक, 85 हजार 528 पोलिश ज्लोटी (करीब साढ़े 15 लाख रु.) से कम आय वाले 26 साल तक के युवाओं को आयकर में 18% की छूट मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून से युवाओं को वैसी ही सुविधाएं मिलेंगी, जो वे विदेशों में चाहते हैं। कानूनएक अगस्त से लागू हो गया। इससे 26 साल के 20 लाख युवाओं को फायदा मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई किकानून के लागू होने के बाद युवाओं का पलायन रुकेगा।
2004 में पोलैंड और सात अन्य मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों के यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद उनके नागरिकों को वर्क परमिट या बिना वीजा के अन्य यूरोपीय देशों में काम करने का अधिकार मिला।वारसॉ में माइग्रेशन रिसर्च सेंटर में इकोनॉमिक्स ऑफ माइग्रेशन रिसर्च यूनिट की प्रमुख बरबरा जानसेविज ने कहा, ‘‘पलायन से देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पिछले तीन से चार सालों में देश में मजदूरों की कमी हुई है।’’
22 साल की किंग कितोवास्का कॉरपोरेट एनालिस्ट हैं। वह लंदन पढ़ाई करने गई थीं और वहीं नौकरी करने लगीं। उनका मानना है कि इस कानून से सरकार दरियादिली दिखा रही है। लेकिन, वापस आने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। वह केवल पैसों के लिए लंदन नहीं रहती हैं। जो नौकरी वह लंदन में करती हैं, वह पौलैंड में नहीं कर सकती।
इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की यह नीति काम नहीं करेगी। लंदन के एक थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च में रोजगार और सामाजिक नीति टीम के प्रमुख हीथर रॉल्फ ने कहा कि यह सब पैसे के बारे में नहीं है। ब्रिटेन में युवा पोलिश प्रवासियों पर किए गए शोध में कहा गया है कि वे आजादी और जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपना देश छोड़ते हैं।
2004 के बाद से ब्रिटेन पोलैंड के युवाओं की पहली पसंद है। ब्रिटेन में करीब दस लाख पोलिश रहते हैं। जानसेविंच का कहना है कि टैक्स में 18% की छूट बहुत है, लेकिन यह ब्रिटेन और पोलैंड के बीच की खाई को पाट नहीं सकता।
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Source: bhaskar international story