ओलिम्पिक के लिए वैटिकन ने पहली बार टीम का ऐलान किया, पादरी और नन भी होंगे हिस्सा
रोम.दुनियाभर के कैथोलिक चर्च के मुख्यालय वैटिकन ने अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में हिस्सा लेने के लिए पहली बार अपनी टीम का ऐलान कियाहै। ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स के लिए बनी इस टीम का लक्ष्य ओलिम्पिक में क्वालिफाई करना है। 60 सदस्यीय दल में पादरियों और ननों को भी रखा गया है। वैटिकन अधिकारियों ने पिछले हफ्ते ही इटली की ओलिम्पिक कमेटी के साथ अलग से हिस्सा लेने के लिए एक समझौता किया है।
पादरी और नन के अलावा दल में स्विस गार्ड, दवाखाना चलाने वाले और प्रोफेसर्स भी शामिल हैं। इनमें सबसे बुजुर्ग 62 साल केप्रोफेसर हैं, जो लाइब्रेरी चलाते हैं। यह दलपहले छोटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेगा। इसमें यूरोप के गेम ऑफ स्माल स्टेट्स और मेडिटेरेनियन गेम्स भी शामिल हैं, जहां 10 लाख से कम आबादी वाले देश ही हिस्सा लेते हैं।
वैटिकन के खेल और सांस्कृतिक विभाग के अध्यक्ष और टीम प्रेसिडेंट मेलचोर होसे सांचेज ने कहा कि यह हमारा सपना है कि हम ओलिम्पिक खेलों में सभी देशों के साथ अपना झंडा फहराता देखें।
इस टीम का हिस्सा बनने वाले रनर मिशेला सिप्रिएटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हम सिर्फ प्रतियोगी ही नहीं बनना चाहते, बल्कि इसके जरिए संस्कृति का प्रचार करना और नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई छेड़ना चाहते हैं।
इस टीम में दो अप्रवासियों को भी शामिल किया गया है, जो वैटिकन में काम नहीं करते, लेकिन टीम के साथ ट्रेनिंग और प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा कुछ दिव्यांग एथलीट्स को भी टीम में रखा गया है। वैटिकन जल्द ही इटली के साथ पैरालिम्पिक खेलों में खिलाड़ी भेजने के लिए समझौता कर सकता है।
इटली की राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी के प्रेसिडेंट जियोवानी मलागो ने कहा कि वैटिकन की टीम का तैयार होना एक स्वातयोग्य कदम है, लेकिन हो सकता है इसकी वजह से एक दिन इटली को मेडल गंवाना पड़े।
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Source: bhaskar international story