Uncategorized

चीन ने तिब्बत में मोबाइल हॉवित्जर तोपें तैनाती कीं, डोकलाम में भी इन्हें भेजा गया था



बीजिंग. तिब्बत में मौजूद अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए चीन की सरकार ने उन्हें मोबाइल हॉवित्जर तोपों से लैस किया है। इन्हें वाहनों पर रखकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। चीन ने तिब्बत में अपनी सेना को हाल ही में हल्के टैंक भी उपलब्ध कराए थे। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि तिब्बत के स्वायत्त इलाके में मौजूद सैनिकों को सशक्त बनाया जा रहा है।

52 कैलिबर की तोप करेगी 50 किमी तक मार
पीएलसी-181 मोबाइल हॉवित्जर में 52 कैलिबर की तोप होगी। इसकी मारक क्षमता 50 किमी की है। 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान आर्टिलरी ब्रिगेड को ये उपलब्ध कराई गई थीं। पीएलए ग्राउंड फोर्स के वी-चैट अकाउंट पर बताया गया कि मोबाइल हॉवित्जर लेजर और सैटेलाईट तकनीक के जरिए निशाना साध सकती हैं।

तोप

ऊंचाई पर मार करने में हल्के टैंक बेहद कारगर
तिब्बत में तैनात चीनी सेना को जो हल्के टैंक हाल ही में दिए गए थे, वो भी ऊंचाई पर मार करने में कारगर हैं। टाइप 15 टैंकों के इंजन की क्षमता 1000 हार्स पॉवर की है। 32 से 35 टन के ये टैंक घुमावदार और ऊंचे रास्तों पर आसानी से ले जाए जा सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ये फैसले लिए जा रहे हैं।

शी जिनपिंग ने सेनाओं से तैयार रहने को कहा था
चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख भी हैं। हाल ही में उन्होंने सेना को आदेश दिया था कि वे खुद को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार कर लें। उनका कहना था कि मौजूदा हालात में चीन के समक्ष मौजूद खतरे व चुनौतियां लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चीन के रक्षा विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि सीमा विवाद सुलझ नहीं सका है और तिब्बत की आजादी के लिए संघर्षरत लड़ाकों की फौज के साथ आतंकी खतरे अभी मौजूद हैं।

तिब्बत में चीन लगातार बढ़ा रहा सेना का बजट
शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशल स्टडी में स्थित एशिया पेसिफिक स्टडीज के निदेशक जाओ गंचेंग का मानना है कि तिब्बत में सैन्य खर्च बढ़ रहा है। लेकिन इसका उद्देश्य अपनी सुरक्षा को मजबूत करना है न कि पड़ोसियों को लड़ाई के लिए उकसाना। तिब्बत में तैनात सैन्य बलों को सीमा सुरक्षा का दायित्व संभालना होता है। बर्फीले इलाके में उनका मनोबल बढ़ाने के लिए क्षमता में वृद्धि करना जरूरी है। इसके मद्देनजर 2015 में वहां आक्सीजन स्टेशन बनाया था।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


प्रतिकात्मक फोटो।


प्रतिकात्मक फोटो।

Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *