पक्षी घोंसले न बना लें, इसलिए बिल्डरों ने 500 से ज्यादा पेड़ों को जाली से ढंका
लंदन. ब्रिटेन के शहरों में पिछले कुछ दिनों से पेड़ जाली से ढंके हुए दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय बिल्डर्स ने इन पेड़ों को जालियों से इसलिए ढंक दिया है ताकि पक्षियां इन पर घोंसला न बना सकें। बर्मिंघम, गिलफोर्ड, वॉरविकशायर, ग्लोचेस्टर और डार्लिंगटन समेत कई जगहों से पेड़ों पर जालियां लगाने की तस्वीरें सामने आई हैं।
इनमें से अधिकतर वो जगहें हैं जहां नए घर या बिल्डिंग बनाने का काम चल रहा है। स्थानीय लोग बिल्डरों की इस करतूत से नाराज हैं। बिल्डरों का तर्क है कि पक्षी यहां रहेंगे तो गंदगी फैलाएंगे, लोग यहां प्रॉपर्टी खरीदने में रुचि नहीं दिखाएंगे। इससे प्रॉपर्टी के दामों में कमी आएगी।
कानून बनाने के लिए 50 हजार लोगों ने याचिका पर साइन किया
पेड़ों को जाली से ढंकने के विरोध में कानून बनाने के लिए एक याचिका भी ब्रिटेन की संसद की साइट पर है। इस पर 50 हजार लोगों के साइन हैं। 10 हजार साइन हो जाने पर सरकार याचिका पर सुनवाई करती है। डार्लिंगटन में लोगों ने झाड़ियों और पेड़ों को हरे रिबन बांध कर विरोध जताया, जिसके बाद टेस्को नामक कंपनी ने नॉर्विच में एक दुकान के पास पक्षियों के लिए लगाई जालियां निकाल दीं।
50 सालों में 4 करोड़ से ज्यादा पक्षी घट गए
कैंब्रिजशायर के एली इलाके में जालियों से ढंके पेड़ नजर आ रहे हैं। पर्यावरण संस्थाओं का कहना है कि बिल्डरों को कोई दूसरा विकल्प खोजना चाहिए। यहां 50 सालों में 4 करोड़ से ज्यादा पक्षी घट गए। रोजाना 2.5 करोड़ लोग पक्षियों को दाना डालते हैं संस्था ‘द रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स’ का कहना है कि बीते 50 सालों में ब्रिटेन में 4 करोड़ पक्षी कम हुए हैं।
ब्रिटेन में ढाई करोड़ लोग रोजाना दाना डालते हैं
संस्था का कहना है कि इस मुद्दे को सरकार को हल करना चाहिए। नॉटिंघमशायर वाइल्डलाइफ ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट रॉब लैम्बर्ट का कहना है, “लोगों की नाराजगी बताती है कि वो प्रकृति के साथ जुड़ाव रखते हैं। ब्रिटेन में ढाई करोड़ लोग रोजाना चिड़ियों के लिए दाना डालते हैं, पेड़ों को ढंकने से उन्हें बुरा लगेगा।” उधर, डरहम मेंपेड़ों पर लगी जाली में फंसने से कुछ पक्षियों की मौत हो गई। इससे नाराज स्थानीय लोगों ने जालियां निकालकर फेंक दी। हरे रिबन लगाकर विरोध भी जताया।
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Source: bhaskar international story