परंपरा पर प्रतिबंध के बावजूद माहवारी के दौरान महिला को घर से अलग रखा, मौत हुई
काठमांडू. नेपाल के दॉती जिले में माहवारी के दौरान घर से अलग झोंपड़ी में रह रही 21 वर्षीय महिला पार्वती बोगाती की दम घुटने से मौत हो गई। नेपाल में माहवारी के दौरान महिलाओं को प्रथा के तहत महीने में एक बार घर से अलग रहना होता है। हालांकि 2005 में नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। 2017 में नया कानून बनाकर ऐसा करना अपराध घोषित कर दिया गया है, लेकिन फिर भी उसके बाद नेपाल के कई हिस्सों में यह प्रथा जारी है।
पार्वती जब घर से अलग झोपड़ी में रहने गई थी, तब वहां गांव की दो-तीन अन्य महिलाएं भी थीं। 31 जनवरी की रात को वह झोपड़ी में अकेली रह गई थी। सर्दी से बचने के लिए उसने आग जलाई थी।
31 जनवरी की सुबह नियत समय पर पार्वती सोकर नहीं उठी तो उसकी सास लक्ष्मी बोगती झोपड़ी में गई। उसने देखा कि भीतर पार्वती मृत हालत में थी। उसने तत्काल पुलिस को इसकी खबर दी। पोस्टमार्टम के लिए पुलिस शव को अपने साथ ले गई है।
लक्ष्मी का कहना है कि अगले दिन पार्वती की माहवारी खत्म होने जा रही थी। पार्वती काफी खुश थी कि वह फिर से परिवार के साथ अपने घर में रह सकेगी। म्यूनिसिपल चेयरमैन दीर्घा बोगती का कहना है कि दम घुटने से पार्वती की मौत हुई है।
इस साल जनवरी में एक महिला और उसके दो बच्चों की भी दम घुटने से मौत हो गई थी। यह महिला भी माहवारी के दौरान घर से अलग झोंपड़ी में रहने गई थी। 2018 में 23 साल की एक महिला इसी तरह की झोपड़ी में मृत पाई गई थी।
परंपरा के तहत नेपाल के कई हिस्सों में माहवारी को अपवित्र माना जाता है। माहवारी आने पर महिला को घर से दूर बनी एक झोपड़ी में जाकर रहना होता है। इनमें खिड़की नहीं होती हैं।
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Source: bhaskar international story