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पूर्व राजनयिक ने कहा- भारत से बातचीत के लिए पाक को आतंक के खिलाफ कदम उठाना ही चाहिए



वाशिंगटन. यूनाइटेड स्टेट्स में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने मंगलवार को स्थानीय मीडिया से भारत-पाक रिश्तों पर बातचीत की। उन्होंने कहा अगर इस्लामाबाद यह सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन से आतंकी गतिविधियों को समर्थन नहीं मिलेगा तो भारत-पाक के बीच अगलीउच्चस्तरीय बैठक लाभदायक हो सकती है।

दरअसल, पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम दिया था कि बातचीत और आतंक साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। पिछले दिनोंपाक ने भारत से बातचीत के प्रयास शुरू किए। हालांकि कई लोग इसका कारण पाक पर अंतरराष्ट्रीय दबाव औरतेजी से बढ़ती आर्थिक मुश्किलों को मान रहे हैं।

  1. हक्कानी का यह बयान किर्गिस्तान में 13-14 जून को होने वाली शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन या एससीओ समिट के ठीक पहले आया है। बिश्केक में होने वाली इस बैठक में भारत-पाक के नेता भी शामिल होंगे। पाक सरकार नेकुछ सप्ताह पहलेआर्थिक परेशानियों से निजात पाने के लिएआईएमएफ से 6 बिलियन यूएस डॉलर का बेलआउट पैकेज लिया था।

  2. पिछले सप्ताह पाकके प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बातचीत फिर से बहाल कर दोनों देशों के बीच के मतभेदों को दूर करने की गुजारिश की थी। मगर विदेश मंत्रालय के मुताबिक अभी तक दोनों नेताओं के बीच ऐसी किसी बैठक की योजना नहीं है।

  3. इस महीने की शुरुआत मेंइमरान खान ने स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार इस बार रक्षा बजट में किसी तरह का इजाफा नहीं करेगी। फिलहाल पाकिस्तान गंभीर आर्थिक दिक्कतों से गुजर रहा है। इस बीचपाक का रक्षा बजट मंगलवार को पेश किया गया।

  4. हक्कानी के अनुसार1950 से 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की लाहौर में हुई मुलाकात तक,दोनों देशों के बीच 45 मुलाकातें हुईं। मगर कभी भी यह बातचीत शांति बहाल करने तक नहीं पहुंची। हालांकिसमझौते का दरवाजा कभी भी हमेशा के लिए बंद नहीं किया जा सकता है। बातचीत के जरिए ही ऐसी चीजें सुलझाई जा सकती हैं।

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      फाइल फोटो।

      Source: bhaskar international story

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