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प्रधानमंत्री की मांग पर महारानी ने भंग की संसद, विपक्ष का आरोप- ईयू मुद्दे पर जॉनसन बहस नहीं चाहते



लंदन. ब्रेग्जिट को लेकर चल रही बहस के बीच ब्रिटेन की महारानी ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रस्ताव का सर्मथन करते हुए 14 अक्टूबर तक के लिए ब्रिटेन की संसद को स्थगित करने की मंजूरी दे दी है। सरकार नेब्रेग्जिट डेडलाइन के कुछ दिन पहले संसद भंग करने की सिफारिश की थी। विपक्ष ने इस फैसले के बाद आरोप लगाया कि जॉनसन ब्रेग्जिट पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं।

जॉनसन ने कहा कि संसद भंग होने के बाद 14 अक्टूबर को महारानी का भाषण होगा। इसमें वह एक रोमांचक एजेंडे की रूपरेखा तैयार करेंगी। इस बीच, विपक्षी नेताओं ने महारानी को पत्र लिखकर अपनी चिंता जताई और तत्काल बैठक करने को कहा। जॉनसन ने कहा, “ईयू और अन्य मुद्दों पर बहस को लेकर संसद के पास पर्याप्त समय है।”

जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है

जॉनसन के कहा, “हमें नए कानून की जरूरत है। हम नए और महत्वपूर्ण बिल आगे लाने वाले हैं इसीलिए हम महारानी का भाषण रखने जा रहे हैं।” उन्होंने सांसदों के इस आरोप से इनकार किया कि वह ईयू के मुद्दे पर सांसदों की भागीदारी को खत्म करना चाहते हैं। संसद को भंग करने के फैसले ने ब्रिटेन में विवाद पैदा कर दिया है। आलोचकों का कहना है कि ये ब्रेग्जिट मामले में सांसदों को उनकी लोकतांत्रिक भागदारी निभाने से रोकेगा। प्रधानमंत्री के इस फैसले से जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

पिछले महीने ही प्रधानमंत्री बने थे जॉनसन

इससे पहले, पिछले महीने ही बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए थे। ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन के साथ ब्रेग्जिट डील कराने में नाकाम रहने पर 7 जून को थेरेसा मे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जॉनसन के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सरकार के कई मंत्रियों ने इस्तीफे भी दिए थे।

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ क्वीन एलिजाबेथ।

Source: bhaskar international story

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