फ्रांस के चीफ ऑफ एयर स्टाफ बोले- भारतीय पायलटों का राफेल उड़ाने का अनुभव शानदार रहा
पेरिस. फ्रेंच एयरफोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल फिलिप लेविनने शनिवार कोकहा कि इंडो-फ्रेंच गरुड़ VI एक्सरसाइज के दौरान भारतीय पायलटों का राफेल जेट्स को उड़ाने का सफर शानदार रहा। भारतीय एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह ने कहा- दोनों वायुसेनाओं ने दो हफ्तेतक साथ में अभ्यास किया। यह अनुभव काफी अच्छा रहा।
फिलिप ने बताया-दो या तीन फ्लाइट के बाद आप सहज हो जाते हैं। स्क्वॉड्रन ने भीमुझे जो फीडबैक दिया, वह बहुत बढ़िया था। दरअसल, इस एयरक्राफ्ट का इंटरफेस बहुत अच्छा और साफ है। यह पायलट के लिए चीजें आसान बना देता है।यह एक प्रामाणिक लड़ाकू विमान है। मैं मानता हूं कि यह अनुभवी पायलट और बहुत अच्छे एयरक्राफ्ट का मिश्रणहै, जो कमाल है।
द्विपक्षीय सहयोग से जुड़ी प्रक्रिया- रिपोर्ट
इससे पहलेमो-डे-मार्सन में 1 से 12 जुलाई के बीच गरुड़एक्सरसाइज संपन्न हुई। इसका मकसद दोनों देशों के बीच एयर डिफेंस और मैदानी हमलों की क्षमता को बढ़ाना था। यह एक्सरसाइजदोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को ध्यान में रखते हुए कराई गई थी। गरुड़ युद्धाभ्यास बारी-बारी से भारत और फ्रांस में कराया जाता है।
‘रणनीतिक सहयोग बढ़ेगा’
भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने बताया- गरुड़ एक्सरसाइज कायह छठा सत्र था। योजना के स्तर पर इस बार का सत्र और भी ज्यादा प्रभावी रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात किगरुड़ एक्सरसाइज बड़े परिदृश्य को ध्यान में रखकर की गई थी।इससेभारत और फ्रांस के बीच न सिर्फरणनीतिक सहयोग बढ़ेगा बल्कि इसमें और मजबूती भी आएगी।
एक सेना में 15-20 एयरक्राफ्ट शामिल- सिंह
एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह ने कहा- हमने करीब 400 घंटे की उड़ान भरी। इसमें 100 घंटे इंडियन एयरक्राफ्ट और 300 घंटे फ्रेंच एयरक्राफ्ट पर बिताए। पूरी प्रक्रिया बेहदवास्तविक थी। युद्धाभ्यास में एक तरफ में 15-20 एयरक्राफ्ट शामिल होते हैं। दो से ढाई घंटे का अभ्यास होता है।
‘‘पहले हफ्ते में सामान्य युद्धाभ्यास हुआ। इसमें एक के साथ एक, फिर दो के साथ एक, इसके बाद दो के साथ दो विमानों ने उड़ान भरी। दूसरे हफ्तेमें एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग का अभ्यास किया गया।’’
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Source: bhaskar international story