बाली का डे ऑफ साइलेंस, इस दिन द्वीप में हर तरफ होती है शांति; एयरपोर्ट और सड़कें भी रखी जाती हैं बंद
जकार्ता. इंडोनेशिया केबाली में गुरुवार से शुक्रवार सुबह तकनए सालकी शुरुआत को ‘डे ऑफ साइलेंस’ के तौर पर मनाया गया। बाली की स्थानीय हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन लोग अपने घरों में बंद रहकर शांति से रहना सीखते हैं। इस दिन को इंसान की आत्म जागरूकता के लिए अहम माना जाता है। एयरपोर्ट से लेकर सड़कों तक को एक पूरे दिन के लिए बंद रखा जाएगा। इतना ही नहीं हर कोई इस त्योहार को महसूस कर सके, इसलिए स्थानीय प्रशासन यहां इंटरनेट सेवाएं भी बंद रखेगा।
हिंदू धर्म का अहम त्योहार न्येपी
बाली के लोग इस त्योहार को न्येपी बुलाते हैं। खास बात यह है कि मुख्य तौर पर हिंदू बहुल इस द्वीप में अल्पसंख्यक और बाकी धर्म के लोग भी न्येपी को सम्मान के साथ मनाते हैं। आमतौर पर लोग पूरे दिन घर के अंदर रहते हैं। शांति के लिए घरों और गलियों की बिजली तक बंद रखी जाती है। शॉपिंग मॉल्स और दुकानें भी एक दिन के लिए नहीं खुलतीं, ताकि किसी तरह का शोर-शराबा लोगों की ध्यान में जाने की कोशिशों में खलल न पैदा करे।
इमरजेंसी सेवाएं रखी जाती हैं चालू
न्येपी के दिन सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही लोगों को बाहर निकलने की इजाजत होती है। कारें और मोटरसाइकिलों को रोड पर निकलने की इजाजत नहीं होती। एयरपोर्ट के बंद रहने से आमतौर पर विमानों की आवाजाही प्रभावित रहती है। गुरुवार सुबह से ही करीब 468 फ्लाइट कैंसल कर दी गईं। इनमें 207 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स भी शामिल थीं।
पर्यटकों के बीच ध्यान सीखने की होड़
बाली में इस दिन के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। दरअसल, हिंदू संस्कृति में ध्यान को मानवीय चेतना के लिए अहम माना जाता है। इसी शांति को अनुभव करने के लिए पर्यटक बाली में इकट्ठा होते हैं। न्येपी से एक दिन पहले पूरे बाली में बुरी शक्तियों को खत्म करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान किए गए। इसके साथ ही यहां मेले का भी आयोजन किया गया।
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Source: bhaskar international story