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भारत को ट्रम्प प्रशासन से प्रतिबंधों में छूट मिलना आसान नहीं होगा: एक्सपर्ट्स



वॉशिंगटन. भारत ने दो दिन पहले रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए 40 हजार करोड़ रु. की डील फाइनल की है। इस पर अमेरिकी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत को समझौते को लेकर काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) से छूट मिलना आसान नहीं होगा। एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प और उनका प्रशासन भारतीय व्यापार और टैरिफ पॉलिसीज को लेकर सख्त रुख रखता है।

भारत-रूस के बीच डील फाइनल होने के बाद अमेरिका ने कहा था कि रूस पर प्रतिबंध लगाने का मकसद भारत समेतअपने अन्य सहयोगियों और साझेदारों की सैन्य क्षमता को कमजोर करना नहीं है। ये प्रतिबंध सिर्फ रूस को दंडित करने के लिए हैं।

  1. अमेरिका ने पिछले साल सीएएटीएसए कानून पास किया था। कानून के तहत रूस के साथ डिफेंस सिस्टम डील के बाद भारत पर सेंक्शंस लगाए जा सकते हैं। सीएएटीएसए को रूस, ईरान और उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया था।

  2. पिछले महीने अमेरिका ने सीएएटीएसए के तहत ही चीन पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन ने भी रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम डील की थी। अमेरिका में रह रहे भारत के दोस्तों का मानना है कि ट्रम्प भारत को छूट दे सकते हैं क्योंिक वह यूएस के बड़े रक्षा सहयोगियों में से एक है।

  3. कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के सूत्रों की मानें तो अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत को सीएएटीएसए से छूट दिए जाने के पक्ष में हैं। लेकिन इस पर अंतिम फैसला ट्रम्प को ही लेना है।

  4. पिछले हफ्ते ट्रम्प ने भारत को टैरिफ किंग करार देते हुए कहा था कि भारत आयात पर अतिरिक्त टैरिफ पर चेतावनी देने के बाद अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करना चाहता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसी स्थिति में भारत का सहूलियत नहीं मिलेगी।

  5. एक रिपब्लिकन नेता ने कहा- ट्रम्प प्रशासन से भारत को प्रतिबंधों से भी छूट मिलेगी, जब उसके व्यापार विवाद हल हो जाएंगे। भारत के हिसाब से अंत में सब ठीक भी हो सकता है लेकिन अभी इस बारे में साफतौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

  6. बराक ओबामा के समय लंबे समय तक व्हाइट हाउस में रहे और थिंक टैंक न्यू अमेरिका के सीनियर फैलो अनीश गोयल कहते हैं- नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2019 के तहत भारत को रूस से डिफेंस डील करने पर छूट नहीं मिल सकती। इस पर अंतिम फैसला प्रशासन का ही होगा।

  7. अटलांटिक काउंसिल नाम के थिंक टैंक से जुड़े भारत गोपालस्वामी के मुताबिक- अमेरिका भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा। इसकी वजह दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते होना है। भारत-रूस डील एक बादल की तरह है जो जल्दी ही छंट जाएगा।

    भारत-रूस डील

  8. गोपालस्वामी यह भी कहते हैं- सभी जानते हैं कि भारत के सैन्य साजोसामान का बड़ा हिस्सा रूस से आता है। अगर भारत कुछ मिलिट्री इक्विपमेंट्स दूसरे देशों से भी मंगाता है तो भी वह रूस से मिलने वाले डिफेंस सिस्टम की सप्लाई कैसे रोक सकता है?

  9. गोपालस्वामी की राय में- हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि भारत-अमेरिका के रिश्ते दो दशक से कम पुराने हैं। 1998 में अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाने वाला था। ये भी सच है कि भारत के पास विकल्प कम हैं।

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      एस-400 डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को निशाना बना सकता है। (फाइल)

      Source: bhaskar international story

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