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किम से चर्चा के लिए जिनपिंग उत्तर कोरिया पहुंचे, 14 साल में यहां आने वाले पहले चीनी राष्ट्रपति



प्योंगयांग. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि जिनपिंग और उत्तर कोरियाई तानाशाह के बीच परमाणु मुद्दे और प्रतिबंधों को लेकर बातचीत होगी। जिनपिंग बीते 14 साल में उत्तर कोरिया आने वाले पहले चीनी राष्ट्रपति हैं। जिनपिंग के साथ दौरे में पत्नी पेंग लियुआन और विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हैं।

इससे पहले किम की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से दो मुलाकातें सिंगापुर (12 जून 2018) और वियतनाम (28 फरवरी) में होचुकी हैं। अमेरिका उत्तर कोरिया से अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने को लेकर कह चुका है लेकिन अभी तक अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र की तरफ से उत्तर कोरिया पर लगाए प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है।

चीन-उत्तर कोरिया के संबंध बेहतर
बीते सालों में चीन और उत्तर कोरिया अपने रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिशों जुटे हुए हैं। चीन, उत्तर कोरिया पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की वकालत करता रहा है। पिछले साल किम जोंग उन 4 बार चीन गए थे। वहीं, विश्लेषकों का कहना है कि जिनपिंग ने यह दौरा काफी सोच-समझकर किया है। वे किम और ट्रम्प की बातचीत पर नजर रखे हुए थे।

जिनपिंग के दौरे को उत्तर कोरियाई मीडिया ने काफी अहम बताया। सरकार के मुखपत्र रोडोंग सिनमुन ने आधे फ्रंट पेज पर जिनपिंग के दौरे को ही जगह दी है। एडिटोरियल में लिखा- इस वक्त उत्तर कोरिया के अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिलताओं से भरे हैं। चीनी राष्ट्रपति का हमारे यहां आना दिखाता है कि चीन-उत्तर कोरिया के रिश्ते काफी अहमियत रखते हैं। हमारे देश को चीन के लोगों के इस भरोसे पर गर्व है।

मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध
जिनपिंग के दौरे के कवरेज को लेकर उत्तर कोरियाई अफसरों ने खास निर्देश जारी किए हैं। साफतौर पर कहा गया है कि विदेशी मीडिया दौरे को कवर नहीं करेगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिनपिंग के साथ आने वाले मीडिया डेलिगेशन की संख्या कम रखी गई है। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि दौरे के जरिए जिनपिंग क्षेत्र में अपना प्रभुत्व भी दिखाना चाहते हैं।

अप्रैल में पहली बार मिले थे पुतिन और किम
इसी साल अप्रैल में किम ने रूस के व्लादिवोस्तोक में व्लादिमीर पुतिन से पहली मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद किम ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने दूसरी मुलाकात में भरोसा नहीं दिखाया। अगर उनका रवैया नहीं बदला तो अमेरिका से रिश्ते बिगड़ भी सकते हैं। कोरियाई प्रायद्वीप में शांति अमेरिका पर निर्भर करती है।

पुतिन ने किम से कहा था, ‘‘हम कोरियाई प्रायद्वीप में चल रहे तनाव को बेहतर तरीके से हल कर पाएंगे। रूस उत्तर कोरिया की हरसंभव मदद करेगा। द्विपक्षीय संबंधों की बात करें तो हमारे बीच अच्छे आर्थिक रिश्ते हैं।’’

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Source: bhaskar international story

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