Uncategorized

द्वीप पर इतनी शांति कि लोग घरों में अक्सर पानी भरा होने के बाद भी यहां से जाने को तैयार नहीं



मनीला. फिलीपींस का उबे द्वीप एक अलग तरह की समस्या से जूझ रहा है। यहां ज्वार आने पर समुद्र का पानी घरों में घुस जाता है। साल के लगभग130 दिनयही हालात रहते हैं, लेकिन यहां शांति इतनी है कि लोग इस जगह को छोड़करजाने को तैयार नहीं हैं।

  1. उबे द्वीप में रहने वाली मारिया सावेद्रा को कोई तनाव नहीं है। पानी भरे घर में वह आराम से रह लेती हैं। उनका कहना है कि मुझे द्वीप अच्छा लगता है क्योंकि यहां काफी शांति है। रोज करीब चार घंटे का उच्च ज्वार आता है, लेकिन मैं कहीं और जाना नहीं चाहती।

  2. सावेद्रा के मुताबिक- द्वीप पर ताजी मछलियां मिल जातीहैं। इन्हेंबेचकर हम जरूरत का सामान खरीद सकते हैं। यहां जिंदगी अच्छे से चल रही है। हम यहीं मरना चाहते हैं। इससे बेहतर जगह नहीं हो सकती।

  3. 2013 में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के चलते उबे द्वीप की जमीन करीब एक मीटर नीचे धंस गई थी। अब जापान के शोधकर्ता समुद्र तल बढ़ने से द्वीप के पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक कारणों का अध्ययन कर रहे हैं।

    Island

  4. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज का आकलन है कि 2100 तक समुद्र तल 26 से 98 सेमी तक बढ़ जाएगा। फिलीपींस 48 देशों के क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम का हिस्सा है। फोरम का कहना है कि फिलीपींस के कई द्वीपों के खत्म होने का खतरा बढ़ रहा है।

  5. यहां लोगों नेज्वार के पानी से सामान बचाने के तरीके भी तलाश लिए हैं। वेपालतू जानवरों को बांस के मचान पर रख देते हैं। स्कूलों में बच्चों के बैग रखने के लिए आलमारियां बनाई गई हैं। फर्नीचर गीले न हों, इसलिए उनके पाए लंबे कर दिए गए हैं।

  6. एक टीचर एग्नेस बुलियन स्कूल में पानी भरने के बावजूद छुट्टी नहीं करतीं। बल्कि,बच्चे स्टूल पर खड़े हो जाते हैं। एग्नेस कहती हैं- पानी तो भरेगा ही, हर दिन स्कूल तो बंद नहीं किया जा सकता।

  7. रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से कुछ समस्याएं भी हैं। खारा पानी सब्जियों के पौधों को खत्म कर देता है। टोक्यो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जामेरो कहते हैं-जब मैं डूब रहे किसी द्वीप पर जाता हूं तो मेरी सोच पूरी बदल जाती है। लोग वहां से घरों को छोड़कर नहीं जाना चाहते। उन्होंने बदले हालात के साथ जीना सीख लिया है। वे बाढ़ का लुत्फ उठाते हैं।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      2013 में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के चलते उबे द्वीप की जमीन करीब एक मीटर नीचे धंस गई थी।


      उबे द्वीप पर लोगों ने ज्वार के पानी से बचने के तरीके तलाश लिए हैं।

      Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *