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पर्वतारोहियों की संख्या पर लगाम लगाने की तैयारी, इस साल 11 मौतें हुईं



काठमांडू. माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की संख्या पर नेपाल जल्द हीलगाम लगा सकता है। चोटी पर बढ़ती भीड़ के कारण इस साल 11 लोगों की मौत हुईहै। इसके लिए खराब मौसम और पर्वतारोहियों में अनुभव की कमी को भी जिम्मेदार माना गया है। इससे पहले 2014 में 17, 2015 में 19, 2016 में 7 और2017-18 में 5-5 लोगों की जान गई थी।

पर्वतारोहण के इस सीजन की शुरुआत 14 मई से हुई थी।यह सीजन का आखिरी सप्ताह था। एक शेरपा ने बताया कि सीजन में भीड़ होती है। ऊंचाई पर हवा के बीच छोटी सी जगह में 20 लोगों को खड़ा रखना मुश्किल होता है।

  1. तिब्बत के रास्ते एवरेस्ट पर जाने वालों की संख्या 300 तय है। मगर नेपाल को लेकर कोई संख्या निश्चित नहीं है। इस बार वहां से 381 परमिट दिए गए थे। इनके साथ इतने ही शेरपा थे।प्रत्येक परमिट का साढ़े 7 लाख रुपए चार्ज था।

  2. नेपाल पर्यटन मंत्रालय के सचिव मोहन कृष्ण सपकोटा ने कहा, ‘‘हमसंख्या कम करने, रस्सियां लगाने, ज्यादा ऑक्सीजनलेजाने पर ध्यान दे रहे हैं।’’चिली के पर्वतारोही जुआन पाब्लो मोहर ने कहा, ‘‘जिन लोगों को चढ़ाई के बारे में कुछ नहीं पता है, वे कभी एवरेस्ट पर न आएं।’’

  3. हिमालयन एक्सपीरियंस (हिमेक्स) के रसेल ब्राइस का कहना है किदशकों से अधिकारियों का रुझान बेहद उदासीन रहा है। 2014 में भी सी बातें हुई थी, पर हुआ कुछ नहीं।

  4. शेरपा फुरबा तेनजिंग कहते हैं कि सस्ते सेवा प्रदाताओं के पर्वतारोही8,848 मीटर की चोटी के शीर्ष पर मौतों का कारण बनते हैं।

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      शेरपा फुरबा तेनजिंग।

      Source: bhaskar international story

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